पेट्रोल पंप पर छापा।
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Meerut News : मेरठ में नायरा के पेट्रोल पंपों पर तेल के खेल में पुलिस की विवेचना पर सवाल उठने लगे हैं। फरार नामजद आठ आरोपियों को गिरफ्तार करने लिए न तो दबिश दी गई और न ही मजबूत साक्ष्य जुटाए गए। पुलिस ने आरोपियों के मोबाइल की सीडीआर निकालकर उनकी लोकेशन तक का पता लगा लिया। इसके बावजूद कार्रवाई एक कदम आगे नहीं बढ़ पा रही। वहीं, मामले की विवेचना, आरोपियों पर धारा बढ़ाने, रिमांड और जमानत के मामले में मंगलवार को सुनवाई होगी।
एसटीएफ ने नायरा कंपनी के पेट्रोल पंपों पर तीन नवंबर को छापा मारा था। इसमें से मेरठ में चार और बागपत में एक पंप पर मिलावट का खेल पकड़ा गया था। इस मामले में पांच पंप मालिक, दो क्षेत्रीय प्रबंधक सहित 15 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। सात लोग जेल में हैं और आठ आरोपी फरार हैं।
पुलिस ने बताया कि आरोपियों पर दर्ज मुकदमे में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट की धारा बढ़ाने के लिए कोर्ट में अर्जी लगाई हुई है। सोमवार को सुनवाई नहीं हुई। अब मंगलवार को सुनवाई होनी है।
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वहीं, क्षेत्रीय प्रबंधक विरेंद्र त्रिपाठी और पंप मालिक अवनीश गोयल की जमानत पर भी सुनवाई होनी है। इस खेल में आरोपी सेवानिवृत्त डीआईजी महेश मिश्रा का बेटा सुशांत मिश्रा भी अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आया है। पुलिस का कहना है कि रिमांड मंजूर होने के बाद फरार आरोपियों की तलाश में दबिश दी जाएगी।
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