शिमला, हिमाचल प्रदेश में एक चार साल के बच्चे को ताकलुंग सेतुल रिंपोचे (Taklung Tsetul Rinpoche) का अवतार माना जा रहा है. बच्चे का नाम नावांग ताशी रापतेन (Nawang Tashi Rapten) है. रापतेन अब तिब्बती बौद्ध धर्म के Nyingma पंथ का प्रमुख चुना गया है. रिंपोचे के निधन के बाद से ही Nyingma पंथ के अगले प्रमुख की तलाश चल रही थी जो अब जाकर खत्म हुई.
6 साल बाद मिले Nyingma पंथ के प्रमुख
The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार, 24 दिसंबर, 2015 को गया, बिहार में ताकलुंग 89 साल के रिंपोचे का निधन हो गया. 10 महीनों तक उनके शरीर को दोरजी दक (Dorji Dak) मठ में रखा गया और इसके बाद बौद्ध नियमों के अनुसार उनका अंतिम संस्कार किया गया. रिंपोचे के अवतार रापतेन का जन्म स्पिति घाटी के एक दूर-दराज़ के घांव, रांगरिक (Rangrik) में हुआ.
16 अप्रैल, 2018 को रापतेन का जन्म हुआ. भूटान के Lhodrak Kharchu स्थित बौद्ध मठ के भिक्षु नामखाई निंगपो रिंपोचे ने रापतेन के धार्मिक जीवन की शुरुआत करवाई. Nyingma पंथ के नए प्रमुख के सिर के बाल काटे गए और बीते सोमवार से उनकी धार्मिक शिक्षा शुरू हुई.
रापतेन के परिवार में खुशी का माहौल
रापतेन के घरवालों को ये पता नहीं था कि उनके घर में तिब्बती लामा का पुनर्जन्म हुआ है. रापतेन के दादा ने बताया कि जब बौद्ध गुरू उनके घर आए, तब उन्हें पता चला.
चार साल के नन्हें भिक्षु की मां, केलसांग दोलमा ने कहा, ‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा रिंपोचे का पुनर्जन्म है. दलाई लामा और साक्या त्रिचेन रिंपोचे से बात-चीत करने के बाद उसे चुना गया.’ रापतेन की मां ने ये भी कहा कि उन्हें बच्चे से बिछड़ने का थोड़ा दुखा है लेकिन इस बात की भी खुशी है कि उन्होंने एक उच्च कोटि के बौद्ध भिक्षु को जन्म दिया.
Today is his hair-cutting & clothes change ceremony. His teaching will start once he will take blessings from all the Lamas. This is a precious moment for the people of the Buddhist world as we waited for 7 years for this, said a monk attending the ceremony in Shimla pic.twitter.com/16HkGbrVDy
— ANI (@ANI) November 28, 2022
जीवित बुद्ध माने जाते हैं तुलकू
तिब्बती बौद्ध धर्म में ये माना जाता है कि उच्च कोटि के भिक्षुओं यानि तुल्कु (Tulku) का पुनर्जन्म होता है. तुलकू भिक्षु एक सिद्ध भिक्षु है जो संसार के लाभ के लिए बार-बार अपना पुनर्जन्म चुनते हैं. तिब्बती बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग तुलकुओं की खोज करते हैं, उनकी पहचान करते हैं, उन्हें सिंहासन पर बैठाते हैं और उन्हें शिक्षित भी करते हैं.
तिब्बती बौद्ध धर्म के चार पंथ हैं- Nyingma सबसे पुराना पंथ है. इसके अलावा तीन पंथों के नाम हैं- Kagyu, Sakya और Gelug.
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