मीडिया से बात करते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि वे कैमूर स्थित अपने घर पर आराम कर रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि मीडिया में उनके इस्तीफे की खबरें आ रही हैं? उन्होंने कहा कि इस पर उन्हें कुछ नहीं बोलना है। गौरतलब है कि जगदानंद सिंह अपने बेटे सुधाकर सिंह के नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे के बाद से ही पटना स्थित आरजेडी के प्रदेश कार्यालय में नहीं जा रहे हैं। उधर, दिल्ली में आरजेडी के राष्ट्रीय सम्मेलन में भी जगदानंद सिंह नहीं पहुंचे। इसके बाद ये खबर उड़ी कि उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
बुधवार को अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए जगदानंद सिंह ने कहा कि वे अवकाश पर हैं और अपने गांव में आराम फरमा रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि कब से पार्टी दफ्तर जाएंगे? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि क्या मैं आराम नहीं कर सकता, क्या मैं छुट्टी नहीं ले सकता। जब उनसे इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मीडिया में क्या चल रहा है, उस पर उन्हें कुछ नहीं कहना है।
जगदानंद सिंह के मौन का मतलब क्या है?
इस्तीफे पर जगदानंद सिंह के मौन के दो मतलब निकाले जा रहे हैं। पहला तो ये कि इस्तीफे की खबर सही है, क्योंकि जगदानंद सिंह इस्तीफे की खबरों को नकारा नहीं हैं बल्कि उस पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। चर्चा तो ये भी है जगदानंद सिंह नहीं चाहते कि पार्टी के अंदर की बात मीडिया में आए, इसलिए कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
दूसरा ये कि जगदानंद सिंह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं, आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने ओके भी कर दिया है। शायद सिंगापुर से लौटने और नया प्रदेश अध्यक्ष बनने तक कोई विवाद पैदा ना इसलिए पार्टी की ओर से चुप रहने को कहा गया है। यही कारण है कि जगदानंद सिंह इस्तीफे के सवाल पर मौन धारण कर लिए और कुछ भी बोलने से बचते रहे।
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