रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन।
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रूस के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को एलान किया कि वह संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता वाले अनाज निर्यात समझौते को निलंबित करने जा रहा है। रूस के इस फैसले से पूरी दुनिया में नकारात्मक प्रभाव पड़ने के आसार हैं। माना जा रहा है कि पहले से बढ़ी महंगाई और आर्थिक मंदी अब वैश्विक स्तर पर और तेजी से बढ़ेगी।
गौरतलब है कि इस समझौते की वजह से यूक्रेन से नौ करोड़ टन से अधिक अनाज का निर्यात हुआ और वैश्विक खाद्य कीमतों में कमी आई थी। इसके बावजूद दुनियाभर में महंगाई उच्च स्तर पर रही। रूस रक्षा मंत्रालय ने इस कदम के लिए रूस के काला सागर बेड़े के जहाजों पर शनिवार को कथित तौर पर यूक्रेन के ड्रोन हमले का हवाला दिया। दूसरी तरफ यूक्रेन ने हमले से इनकार किया है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने हाल ही में रूस और यूक्रेन से समझौते को दोबारा लागू करने के लिए कहा था। हालांकि, रूस ने उनकी मांग को अनसुना करते हुए एक दिन बाद ही समझौता रद्द करने का एलान कर दिया है। गुटेरेस ने अन्य देशों, मुख्य रूप से पश्चिमी देशों से रूस के अनाज और उर्वरक निर्यात को रोकने में आ रही समस्याओं को दूर करने का आग्रह किया था।
जुलाई में हुआ था अनाज निर्यात का समझौता
गुटेरेस ने जुलाई में संयुक्त राष्ट्र और तुर्की के प्रयास से यूक्रेन से अनाज निर्यात के लिए रूस को मनाया था। इस समझौते की अवधि 19 नवंबर तक ही थी। माना जा रहा है कि पुतिन यूक्रेन पर जवाबी कार्रवाई करने की तैयारी कर रहे हैं और इसी सिलसिले में वह इस निर्यात को पूरी तरह रोक देना चाहते हैं।
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