जागरण संवाददाता, जालंधर। समय के साथ-साथ कौशल को निखारते रहना चाहिए। जिस प्रकार से सीखने को कोई उम्र नहीं होती है उसी प्रकार से सिखाने की भी कोई उम्र नहीं हैं। इसलिए जिसे तकनीक का ज्ञान हो उससे वो ज्ञान हासिल कर लेना चाहिए। चाहे वो उम्र में छोटा क्यों न हो। तकनीकी ज्ञान व कौशल का लाभ उठाते रहें। डिजिटल युग में यही बदलते समय का दस्तूर बन चुका है।
तकनीक के दौर में आने वाली युवा पीढ़ी ने जब आंखें खोली तो उनके हाथों में तरह-तरह के गजैट्स आ गए। वे उन्हीं तकनीकी गैजेट्स के साथ चलते हुए बड़े हुए। इस वजह से उनकी सोच भी उसी तरह से विकसित होती गई, वो नई-नई तकनीकों के बारे में ज्यादा सोचते हैं। ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इसके जहां नुकसान हैं, वहां उसके बहुत से फायदे भी हैं। हर एक सिक्के के दो पहलू होते हैं।
चाहे तो तकनीक का इस्तेमाल सही तरीके से कर लें या फिर उसी तकनीक का इस्तेमाल गलत कार्यों में। इसलिए उसके अच्छे प्रभावों को भी नकारा नहीं जा सकता है। तकनीक के दौर में कहीं न कहीं जानकारियों के अभाव की वजह से पुरानी पीढ़ी या यूं कहें अभिभावक व घर के बड़े बुजुर्ग उन तकनीकों का लाभ उठाने से दूर होते गए। ऐसे में आज जरूरत है कि उन्हें भी नई तकनीक के लाभ प्रति जागरूक किया जा सके। तकनीक का लाभ उनकी सुविधानुसार उठाने के प्रति प्रेरित करें, जिससे उन्हें किसी प्रकार के कार्य करने में परेशानी न उठाए और वे घर बैठे ही सुविधाओं का लाभ ले सकें। चाहे वे सरकारी हो या फिर गैर सरकारी।
आज के समय में प्रत्येक कार्यों के लिए आनलाइन सुविधाओं का लाभ आसानी से लिया जा सकता है। इसके साथ-साथ सभी को अपने भीतर कुछ न कुछ सीखते रहने की ललक भी जगानी होगी, क्योंकि न कुछ ना सीखने से कोई छोटा हो जाता है और न ही बड़ा। ऐसे में जहां से भी बेहतरीन ज्ञान मिले, नई तकनीकों की जानकारियां मिली उसे हासिल करने के लिए तत्पर रहें। इसमें उम्र के दायरे को कभी भी बीच में नहीं लाना चाहिए। जिस तरह से डिजिटल युग में नई-नई तकनीकों का विस्तार हो रहा है और जिंदगी के सफर व भागदौड़ के साथ चलने, सुगमता से कार्यों को करने की प्रणाली को अपनाने के लिए तकनीकों की जानकारियों की आवश्यकता बेहद बढ़ जाता है।
अगर उदाहरण दें कि घर के बिजली का बिल पहले घर के बड़े बजुर्ग या अभिभावक दफ्तरों की लंबी लाइनों में लग कर जमा करवाते थे। इस वजह से काफी समय भी खराब होता और परेशानी अलग से। अब इंटरनेट के दौर में सारी सुविधाएं बेहद आसान हो गई है। कहीं बिल जमा कराना हो, पैसा जमा करवाने हों, ट्रांसफर करने हों, डिश टीवी का रिचार्ज ही क्यूं न हो पलभर में घर बैठे ही तकनीक का लाभ उठाते हुए ये सब कार्य किए जा सकते हैं।
विनोद कुमार, प्रधानाचार्य, दयानंद माडल स्कूल माडल टाउन।
Edited By: Vinay kumar
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