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Shine City Case How Is The Accused In The Jail Doing The Denomination Of The Plots – शाइन सिटी मामला : हाईकोर्ट ने जताई हैरानी- जेल में बंद अभियुक्त भूखंडों का कैसे कर रहा बैनामा

October 17, 2022
में अपराध
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इलाहाबाद हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 66 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी घोटाले के मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर आपत्ति जताते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं सीरियस फ्रॉड जांच कार्यालय के निदेशक और यूपी की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) केडायरेक्टर जनरल को अगली सुनवाई पर तलब किया है। 

कोर्ट ने कहा कि गंभीर अपराध का मामला है, आरोपी निदेशक जेल में बंद है। इसके बावजूद वह भूमि के प्लॉट्स का बैनामा कैसे कर रहा है? कोर्ट ने जेलर सहित जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और मामले में अगली सुनवाई पर पूरी रिपोर्ट भी तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने श्रीराम राम सहित निवेशकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।

क्या जांच एजेंसियां सो रही हैं ?
कोर्ट ने पूछा कि सख्ती के बावजूद शाइन सिटी ग्रुप ऑफ कंपनी की ओर से लगातार घोटाले कैसे किए जा रहे हैं? क्या जांच एजेंसियां सो रही हैं। रेरा से इनके लाइसेंस खत्म होने के बाद और जेल में रहते हुए डायरेक्टर आसिफ नसीम ने कैसे 850 बैनामे कर दिए, जबकि रिकॉर्ड में उसकेपास 330 प्लॉट ही थे। कोर्ट ने पूछा कि जेलर ने कैसे अनुमति दी और तहसीलदार ने कैसे दाखिल खारिज किया। मामले में निदेशकों ने पॉवर ऑफ अटार्नी कैसे ट्रांसफर कर दी। कोर्ट ने इस पर जांच के आदेश दिए हैं।

हालांकि, कोर्ट में शाइन सिटी की तरफ  से दाखिल किए गए हलफनामे में तमाम ग्राहकों के नाम और उनके मोबाइल नंबर दिए गए और यह दावा किया गया कि इन निवेशकों के पैसे या तो लौटा दिए गए हैं या उन्हें जमीनें दे दी गई हैं। इस पर कोर्ट ने जानना चाहा कि कंपनी की तरफ से जो कहा जा रहा है, उसकी क्रॉस चेकिंग की गई या नहीं। जांच एजेंसियों की ओर से इस पर कोई जवाब नहीं दिया गया। 

कोर्ट ने पूछा कि क्या जांच सिर्फ एफआईआर की संख्या गिनने तक सीमित रह गई है। कोर्ट ने ईडी का पक्ष रख रहे केंद्र के अधिवक्ता की ओर से की गई जांच के संबंध में जानकारी मांगी। लेकिन ठोस जवाब न मिलने कोर्ट ने अंसतुष्टि जताई। कहा फ्रॉड करने वाले दूसरी कंपनियों के जरिये शाइन सिटी के इंवेस्टर्स के पैसे लगाए जा रहे हैं, लेकिन ईडी कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

याचियों की ओर से कहा गया कि कंपनी के सीएमडी ने दुबई में बैठकर भव्य ब्रॉडकास्ट प्राइवेट लिमिटेड के 68 लाख में से 58 लाख शेयर खरीदे। इसके अलावा 75-75 हजार शेयर सीएमडी राशिद नसीम की पत्नी सलमा परवीन व उसके छोटे भाई आसिफ  नसीम की पत्नी जीनत फातिमा के नाम हैं।

इस पर कोर्ट ने पूरे ब्योरे की जानकारी मांगी। पूछा कि शाइन सिटी के कितने प्रोजेक्ट हैं। प्लॉट कितने ऑफर किए गए हैं। बताया कि दो हजार से अधिक इन्वेस्टर्स ने शाइन सिटी कंपनी में पैसा निवेश किया है। फ्रॉड के साढ़े चार सौ से अधिक एफआईआर कंपनी के खिलाफ दर्ज हैं।

जांच के दौरान सवा सौ अकाउंट सीज किए गए हैं। उसमें कंपनी के 68 लाख रुपये हैं। जबकि, फ्रॉड 66 हजार करोड़ रुपये का है। इस पर कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए चार नवंबर की तिथि निर्धारित करते हुए जांच एजेंसियों के अधिकारियों को तलब किया है।

राशिद के प्रत्यर्पण की कार्यवाही जल्द पूरी करने के निर्देश
सुनवाई केदौरान निवेशकों के वकील सत्येंद्र नाथ श्रीवास्तव ने शाइन सिटी कंपनी की एसबीसी का व्हाइट पेपर में कोर्ट में पेश किया। बताया कि कंपनी ने साल 2018 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत की थी। इसमें कंपनी के 17 लाख सदस्य बनाए गए थे।

12.5 करोड़ शेयर इस कंपनी के जारी किए गए थे। कंपनी के टोकन शेयर की कीमत 135 रुपये रखी गई थी। इसके अलावा मलयेशिया की पावरलेक्स कंपनी को भी शाइन सिटी कंपनी की फ्रेंचाइजी दी गई है। इस पर कोर्ट ने एजेंसियों को राशिद नसीम के प्रत्यर्पण की कार्यवाही जल्द से जल्द पूरी कर उसे दुबई से भारत लाए जाने के निर्देश दिए। 

विस्तार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 66 हजार करोड़ रुपये के शाइन सिटी घोटाले के मामले में सोमवार को सुनवाई के दौरान जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर आपत्ति जताते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) एवं सीरियस फ्रॉड जांच कार्यालय के निदेशक और यूपी की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) केडायरेक्टर जनरल को अगली सुनवाई पर तलब किया है। 

कोर्ट ने कहा कि गंभीर अपराध का मामला है, आरोपी निदेशक जेल में बंद है। इसके बावजूद वह भूमि के प्लॉट्स का बैनामा कैसे कर रहा है? कोर्ट ने जेलर सहित जिम्मेदार अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठाए और मामले में अगली सुनवाई पर पूरी रिपोर्ट भी तलब की है। यह आदेश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति जेजे मुनीर की खंडपीठ ने श्रीराम राम सहित निवेशकों की ओर से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है।


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