Sixth Murder In Enmity In Badesara Village Of Bhiwani – बड़ेसरा हत्याकांड: नहीं थम रहा गांव में खूनी खेल, रंजिश में हो चुकी है गांव में छह हत्याएं, ऐसे शुरू हुई रंजिश
महेंद्र को मारी गई गोलियां। मौके से बरादम खौल। – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हरियाणा के भिवानी में महिला सरपंच सुदेश की आरटीआई लगाने से साल 2017 में शुरू हुआ गांव बड़ेसरा में खूनी खेल पांच साल बाद भी नहीं थमा है। अब तक इस खूनी खेल में छह लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। एक पक्ष के पांच और दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
इसमें दो गवाहों को भी गोली मार मौत की नींद सुलाया जा चुका है। हाल ही में गांव में सरपंच के चुनाव हुए हैं, जिसमें जेल के अंदर बंद पूर्व सरपंच बबलू का चाचा भूप सिंह गांव का सरपंच बना है। चुनाव में मृतक महेंद्र ने बबलू के चाचा का समर्थन किया था।
गांव बड़ेसरा में बुधवार को एक बार फिर दनादन गोलियां चलने से पूरा गांव दहल उठा। गोली लगने से महेंद्र (50) की मौके पर मौत हो गई जबकि अजीत उर्फ बालिया (45) को गंभीर हालत में हिसार के निजी अस्पताल पहुंचाया गया है। वारदात के बाद से ही पुलिस पूरी तरह छावनी में बदल गया। हालांकि गोली चलाने के तीन आरोपी बाइक पर सवार होकर आए थे और हत्याकांड के बाद भाग गए।
फिलहाल पुलिस की कई टीमें हत्या आरोपियों की तलाश में भी जुटी है। वारदात के बाद गांव में सन्नाटा है और खूनी खेल की खामोशी हर व्यक्ति के जहन में कई सवाल खड़े कर रही है कि आखिर ये खूनी सिलसिला कब बंद होगा। गांव बड़ेसरा का बहुचर्चित हत्याकांड के बाद से ही गांव में दोनों पक्षों के बीच तनाव न बढ़े इसके लिए स्थायी तौर पर चेकपोस्ट बनाकर वहां तैनात की हुई है। लेकिन इसके बावजूद भी बाइक पर सवार होकर आए आरोपी गोली मारकर हत्या को अंजाम देकर भाग निकले।
ये था पूरा मामला गांव बड़ेसरा निवासी बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी। उसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। जब से दोनों पक्षों में रंजिश हो गई थी। उसके बाद बलजीत और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या की जा चुकी थी। 2017 में बलजीत व उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद अक्तूबर 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में हुए तिहरे हत्याकांड में मृतक बलजीत का ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली माकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा परिवार के कई लोगों पर जानलेवा हमला हो चुका था।
2017 में हत्याकांड में गवाह राजकुमार पर भी हुआ था हमला
सरपंच की आरटीआई लगाने को लेकर शुरू हुई रंजिश को लेकर हुए हत्याकांड में जो भी गवाह बना। उस उसकी हत्या या फिर हत्या की कोशिश हुई। 2017 में तिहरे हत्याकांड के बाद दो गवाहों की भी हत्या की गई थी। पूर्व सरपंच पवन की हत्या में गवाह सूबे सिंह की भी हत्या हुई थी। गवाह राजकुमार की भी हत्या का प्रयास हो चुका है।
गांव बड़ेसरा हत्याकांड में बुधवार को गोली मारकर महेंद्र नामक व्यक्ति की हत्या की गई है जबकि अजीत नामक व्यक्ति गोली लगने से घायल हुआ है। फिलहाल पुलिस मौके पर है और हालात नियंत्रण में है। घायल अजीत के बयान के आधार पर ही आरोपियों के संबंध में कार्रवाई करेगी। पुलिस की कई टीमें गोली चलाने वालों की तलाश में लगी हैं। -अजीत सिंह शेखावत, पुलिस अधीक्षक भिवानी।
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हरियाणा के भिवानी में महिला सरपंच सुदेश की आरटीआई लगाने से साल 2017 में शुरू हुआ गांव बड़ेसरा में खूनी खेल पांच साल बाद भी नहीं थमा है। अब तक इस खूनी खेल में छह लोगों को मौत के घाट उतारा जा चुका है। एक पक्ष के पांच और दूसरे पक्ष के एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी गई है।
इसमें दो गवाहों को भी गोली मार मौत की नींद सुलाया जा चुका है। हाल ही में गांव में सरपंच के चुनाव हुए हैं, जिसमें जेल के अंदर बंद पूर्व सरपंच बबलू का चाचा भूप सिंह गांव का सरपंच बना है। चुनाव में मृतक महेंद्र ने बबलू के चाचा का समर्थन किया था।
गांव बड़ेसरा में बुधवार को एक बार फिर दनादन गोलियां चलने से पूरा गांव दहल उठा। गोली लगने से महेंद्र (50) की मौके पर मौत हो गई जबकि अजीत उर्फ बालिया (45) को गंभीर हालत में हिसार के निजी अस्पताल पहुंचाया गया है। वारदात के बाद से ही पुलिस पूरी तरह छावनी में बदल गया। हालांकि गोली चलाने के तीन आरोपी बाइक पर सवार होकर आए थे और हत्याकांड के बाद भाग गए।
फिलहाल पुलिस की कई टीमें हत्या आरोपियों की तलाश में भी जुटी है। वारदात के बाद गांव में सन्नाटा है और खूनी खेल की खामोशी हर व्यक्ति के जहन में कई सवाल खड़े कर रही है कि आखिर ये खूनी सिलसिला कब बंद होगा। गांव बड़ेसरा का बहुचर्चित हत्याकांड के बाद से ही गांव में दोनों पक्षों के बीच तनाव न बढ़े इसके लिए स्थायी तौर पर चेकपोस्ट बनाकर वहां तैनात की हुई है। लेकिन इसके बावजूद भी बाइक पर सवार होकर आए आरोपी गोली मारकर हत्या को अंजाम देकर भाग निकले।
ये था पूरा मामला
गांव बड़ेसरा निवासी बलजीत ने 2017 में गांव की सरपंच सुदेश के खिलाफ आरटीआई लगाई थी। उसमें सुदेश की दसवीं कक्षा की मार्कशीट फर्जी पाई गई थी। जब से दोनों पक्षों में रंजिश हो गई थी। उसके बाद बलजीत और उसके परिवार के पांच लोगों की हत्या की जा चुकी थी। 2017 में बलजीत व उसके चाचा भल्लेराम और ताऊ महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद अक्तूबर 2019 में पूर्व सरपंच पवन की भी हत्या कर दी गई थी। 2020 में हुए तिहरे हत्याकांड में मृतक बलजीत का ताऊ की घर के सामने ही तीन गोली माकर हत्या कर दी गई थी। इसके अलावा परिवार के कई लोगों पर जानलेवा हमला हो चुका था।
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