दुनिया की सबसे चर्चित ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन की स्थापना 5 जुलाई, 1994 को हुई थी, लेकिन इसका सफर फाउंडर जेफ बेजोस के लिए आसान नहीं रहा है. जानिए, इसका अब तक का सफर…
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दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन बड़े पैमाने पर छंटनी करने के लिए चर्चा में हैं. कंपनी का कहना है, रेवेन्यू में गिरावट होने कारण कॉस्ट कटिंग करने के लिए छंटनी की जा रही है. इस बीच सीईओ एंडी जेसी का कहना है, अगले साल भी छंटनी का दौर चलेगा. अमेजन वही कंपनी है जिसके फाउंडर जेफ बेजोस ने हाल में अपनी ज्यादातर संपत्ति को दान करने का फैसला लिया था. दुनिया की सबसे चर्चित ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन की स्थापना 5 जुलाई, 1994 को हुई थी, लेकिन इसका सफर फाउंडर जेफ बेजोस के लिए आसान नहीं रहा है.
13 जनवरी, 1964 को न्यू मेक्सिको के अल्बुबर्क में जन्मे जेफ बेजोस की मां जैकलिन जोगेर्सन 16 साल की थीं जब वो प्रेग्नेंट हुईं. वो स्कूल की स्टूडेंट्स थी और बच्चे को जन्म देने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया था. बेटे को जन्म देने के बाद ही वो जेफ के पिता थिओडोर जोगेर्सन से अलग हो गईं. थियोगोर शराब पीने के आदी थे और जैकलिन के साथ बुरा व्यवहार करते थे.
ऐसे जेफ जोगेर्सन से जेफ बेजोस बने
जैकलिन जब कॉलेज में पढ़ाई कर रही थीं, तब जेफ की उम्र 4 साल थी. इसी दौरान जैकलिन की मुलाकात माइक बेजोस से हुई और दोनों ने साथ रहने का फैसला लिया. माइक ने अपना नाम जेफ को दिया, इस तरह वो जेफ बेजोस हो गए.
जेफ बेजोस ने 1986 में प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से कम्प्यूटर साइंस और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. जेफ बेजोस हमेशा से ही तेज दिमाग वाले शख्स रहे हैं. उन्होंने घर में गैराज से ही पहले बिजनेस की शुरुआत की और नाम रखा- द ड्रीम इंस्टीट्यूट. जेफ ने इसके जरिए समर कैंप चलाया और 600 डॉलर कमा लिए. उनमें इतनी काबिलियत रही है कि बच्चों को कुछ नया सिखाकर पैसे कमा सकते थे. कैंप के जरिए उन्हें एक बात समझ आ गई थी कि बिजनेस लाइन में ही आगे बढ़ना है. पैसों की कमी होने के कारण उन्होंने नौकरी करना ही बेहतर समझा. इस दौरान उन्होंने वॉल स्ट्रीट की इन्वेस्टमेंट फर्म डीई शॉ एंड कंपनी में नौकरी की और कॅरियर में इतिहास रचते गए. नौकरी के 7 साल के अंदर ही उस फर्म के वाइस प्रेसिडेंट बना दिए गए.
गैराज से शुरू हुई अमेजन
बिजनेस करने के अपने पहले सपने को पूरा करने के लिए 1993 में जेफ बेजोस ने जॉब छोड़ दी. यहीं से अमेजन की नींव पड़ी. इस कंपनी की शुरुआत उसी गैराज से हुई जहां से जेफ ने समर कैंप लगाकर 600 डॉलर कमाए थे. जेफ ने अपने पिता से 3 लाख डॉलर उधार मांगा. पिता पैसे देने के लिए राजी हो गए. उन पैसों से एक ऑनलाइन बुकस्टोर खोला. बुक स्टोर का नाम अमेजन रखा. अमेजन इसलिए रखा क्योंकि यह एक नदी का नाम था जो अमेरिका से लेकर एशिया तक होकर गुजरती है.
ऑनलाइन बुक स्टोर की शुरुआत पहले अपने दोस्तों के साथ की. धीरे-धीरे परिचितों की मदद से इसका दायरा बढाया. इसकी वेबसाइट लॉन्च होते ही असर दिखा. 5 जुलाई, 1994 को लॉन्चिंग के दिन ही ऑनलाइन किताबें खरीदने वालों का ट्रैफिक बढ़ा. एक महीने के अंदर 40 देशों में कारोबार फैल गया. तीन महीने के अंदर 25 हजार डॉलर की कमाई होने लगी.
एक साल के अंदर स्टार्टअप कंपनी में तब्दील हुआ
इस स्टार्टअप की सफलता को देखकर जेफ बेजोस भी चौंक गए थे. एक साल के अंदर ही यह स्टार्टअप एक कंपनी में तब्दील हो गया. इसके बाद जेफ बेजोस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. लगातार मेहनत की और अमेजन दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी बन गई और जेफ बेजोस दुनिया के सबसे धनी लोगों में शामिल हो गए.
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