Supreme Court
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सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यापक तस्करी विरोधी कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है। इसमें पीड़ित संरक्षण प्रोटोकॉल को शामिल करने की सिफारिश है।
सीजेआई यूयू ललित व जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ को एनजीओ प्रज्वला की ओर से पेश वकील अपर्णा भट ने बताया कि शीर्ष अदालत ने 9 दिसंबर 2015 को केंद्र सरकार को महिलाओं व बच्चों की तस्करी के अपराध से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए संगठित अपराध जांच एजेंसी (ओसीआईए) गठित करने का निर्देश दिया था। पीठ ने इस पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और 31 अक्तूबर तक जवाब दाखिल करने को कहा।
एनजीओ ने अपनी अंतरिम याचिका में कहा, एक नए व्यापक कानून की जरूरत है क्योंकि यौन तस्करी कई लाख डॉलर का व्यवसाय है और तस्कर लगातार अपराध को अंजाम देने के नए तरीके विकसित कर रहे हैं।
एनजीओ ने केंद्र को 2015 में शीर्ष अदालत के निर्देशों का तुरंत पालन करने और एक पूर्ण स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश देने की भी मांग की।
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