Vastu Tips for Business Growth: वास्तु के कारण व्यापार प्रभावित होता है. वास्तु दोष वाले भवनों में किसी भी तरह का व्यापार फलता फूलता नहीं है. कोई न कोई मुश्किलें या अड़चनें बिजनेस को आगे नहीं बढ़ने देती हैं. मालिक और कर्मचारी के बीच आए दिन झगड़े होते रहते हैं जिससे वहां का वातावरण और भी दूषित हो जाता है. प्रॉडक्ट समय पर तैयार न होने से बिक नहीं पाता और व्यवसाय घाटे पर चलने लगता है. ऐसी कई समस्याएं वास्तु दोष के कारण ही होती हैं, तो देरी किस बात की यदि व्यापार स्थल में वास्तु दोष है तो उसे सुधारने का उपाय करना होगा.
1. कारखाने का निर्माण करने के लिए चिकनी मिट्टी का चुनाव करना चाहिए. कारखाने के भूखंड का चुनाव शमशान या कब्रिस्तान के निकट नहीं करना चाहिए, इससे व्यवसाय प्रभावित होता है.
2. दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व भूखण्ड की ओर ढलान होने से व्यवसाय फलता फूलता है और व्यापार में उन्नति होती है.
3. फैक्ट्री आदि के भूखंड आयताकार, वर्गाकार या चतुर्भुज आकार का बढ़िया रहता है. वृत्ताकार, अष्टभुजाकार, षटभुजाकार एवं सिंहमुखी भूखंड भी व्यवसाय के लिए लाभकारी होते हैं.
4. व्यावसायिक भूखंड के चारों तरफ मार्ग का होना लाभदायक है. भूखंड के दो तरफ मार्ग होना मध्यम और केवल पश्चिम या दक्षिण में होना साधारण होता है.
5. व्यावसायिक भूखंड में ईशान के अलावा कहीं विस्तार हो या आग्नेय एवं वायव्य के अलावा कहीं कटान हो तो उसमें सुधार कर लेना चाहिए.
6. व्यवसायिक स्थल में प्रशासनिक कार्यों का खंड दक्षिण पश्चिम में बनवाना चाहिए.
7. कार्यालय में आग्नेय कोण में पैंट्री बनाने में लाभदायक स्थितियों का निर्माण होता है.
8. व्यवसायिक स्थल का ब्रह्म स्थान यानी मध्य भाग सदैव खाली रहना चाहिए.
9. मुख्य और भारी मशीनों की स्थापना नैऋत्य कोण की दिशा में करनी चाहिए.
10. आस पड़ोस के भूखंडों का पानी बहकर कारखाने या व्यावसायिक भूखंड पर नहीं आना चाहिए. भूखंड के पूर्व, उत्तर एवं उत्तर पूर्व में नदी, झील, तालाब एवं कुआं होना लाभदायक होता है.
11. व्यावसायिक भवन में कच्चे माल का स्टोर नैऋत्य कोण की ओर और तैयार माल का स्टोर वायव्य कोण की तरफ बनाना शुभ होता है.
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