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सोनभद्र। मेडिकल कॉलेज और अटल आवासीय विद्यालय सहित जिले में 50 करोड़ से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की मॉनिटरिंग ईपीसी मोड पर होगी। तय समय सीमा में काम पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन ने यह कवायद की है। परियोजनाओं की निगरानी के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय तकनीकी टीम भी गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी। चुर्क में सवा सौ करोड़ से मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। वहीं श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए चोपन में 61 करोड़ से मंडल स्तरीय अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है। इनका निर्माण विलंबित हो रहा है। इसे पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग, प्राक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड से कार्य कराते हुए मॉनिटरिंग का निर्णय लिया गया है। इसके लिए डीएम के अधीन तकनीकी प्रकोष्ठ में डीएम अध्यक्ष, सदस्य के रूप में सीडीओ, डीएम की ओर से नामित लोक निर्माण विभाग/ग्रामीण अभियंत्रण विभाग/ सिंचाई विभाग से नामित एक्सईएन, प्रशासकीय विभाग के जनपद स्तरीय वरिष्ठतम अधिकारी और एक्सईएन, पीडब्लूडी (समर्पित भवन खंड), सदस्य/सचिव होंगे। प्रकोष्ठ की बैठकों में प्रोजेक्ट मैनजमेंट कंसल्टेंट एवं ईपीसी कांट्रैक्टर के जिला स्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। डीएम व सीडीओ प्रतिमाह स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। प्रकोष्ठ की ओर से मासिक बैठक में परियोजना की टाइम लाइन के अनुसार प्रगति, गुणवत्ता, थर्ड पार्टी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए निर्माण कार्य में किसी भी तरह के गतिरोध का निराकरण किया जाएगा। सीडीओ सौरभ गंगवार ने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में तकनकी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। निर्धारित समयसीमा के भीतर मानक के अनुसार परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया गया है।
सोनभद्र। मेडिकल कॉलेज और अटल आवासीय विद्यालय सहित जिले में 50 करोड़ से अधिक लागत वाली परियोजनाओं की मॉनिटरिंग ईपीसी मोड पर होगी। तय समय सीमा में काम पूरा कराने के लिए जिला प्रशासन ने यह कवायद की है। परियोजनाओं की निगरानी के लिए डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय तकनीकी टीम भी गठित की गई है। इसकी रिपोर्ट सीधे शासन को भेजी जाएगी। चुर्क में सवा सौ करोड़ से मेडिकल कॉलेज का निर्माण चल रहा है। वहीं श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा देने के लिए चोपन में 61 करोड़ से मंडल स्तरीय अटल आवासीय विद्यालय निर्माणाधीन है। इनका निर्माण विलंबित हो रहा है। इसे पूरा करने के लिए इंजीनियरिंग, प्राक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (ईपीसी) मोड से कार्य कराते हुए मॉनिटरिंग का निर्णय लिया गया है। इसके लिए डीएम के अधीन तकनीकी प्रकोष्ठ में डीएम अध्यक्ष, सदस्य के रूप में सीडीओ, डीएम की ओर से नामित लोक निर्माण विभाग/ग्रामीण अभियंत्रण विभाग/ सिंचाई विभाग से नामित एक्सईएन, प्रशासकीय विभाग के जनपद स्तरीय वरिष्ठतम अधिकारी और एक्सईएन, पीडब्लूडी (समर्पित भवन खंड), सदस्य/सचिव होंगे। प्रकोष्ठ की बैठकों में प्रोजेक्ट मैनजमेंट कंसल्टेंट एवं ईपीसी कांट्रैक्टर के जिला स्तरीय प्रतिनिधि भाग लेंगे। डीएम व सीडीओ प्रतिमाह स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। प्रकोष्ठ की ओर से मासिक बैठक में परियोजना की टाइम लाइन के अनुसार प्रगति, गुणवत्ता, थर्ड पार्टी रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए निर्माण कार्य में किसी भी तरह के गतिरोध का निराकरण किया जाएगा। सीडीओ सौरभ गंगवार ने बताया कि डीएम की अध्यक्षता में तकनकी प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। निर्धारित समयसीमा के भीतर मानक के अनुसार परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूर्ण कराने के लिए कार्यदायी संस्थाओं को निर्देश दिया गया है।
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