सीवन। रामायण के पात्र निभाने से कलाकारों की जीवन शैली में भी बदलाव आया है। भगवान श्रीराम की जीवन से इन कलाकारों को काफी प्रेरणा मिलती है। सीवन में आयोजित बाबा नारायण दास रंगमंच क्लब की तरफ से किए जा रहे मंचन में कई कलाकार पिछले कई वर्षों से एक ही किरदार निभा रहे हैं। इसमें जोगिंद्र शर्मा श्रीराम तो मांगे राम शर्मा राजा दशरथ का किरदार में मंचन करते हैं। वे बताते हैं कि दशकों से निभा रहे रामलीला के किरदार ही उनकी पहचान बन गए हैं। गौरतलब है कि क्लब की तरफ से पिछले 75 वर्षों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस रामलीला में भी कलाकार भी बहुत पुराने समय से अभिनय कर रहे हैं। बहुत से कलाकारों ने अपने अभिनय की छाप दर्शकों पर छोड़ी है। जिनका मंचन देखने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों से दर्शक पहुंचते हैं। वर्ष 1975 में पहली बार निभाया था दशरथ का किरदार 65 वर्षीय मांगे राम शर्मा पिछले 46 वर्षों से राजा दशरथ का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने वर्ष 1975 में पहली बार रामलीला में दशरथ का किरदार निभाया था। इसके बाद वे इसी किरदार में लगातार मंचन कर रहे हैं। वे सत्यवादी राजा हरीश चंद के ड्रामा में हरीशचंद्र व मेघनाथ का किरदार भी निभाते हैं। इसके साथ ही बाली का किरदार निभाते रहे हैं। उनके बाली और दयानंद तनेजा के सुग्रीव के किरदार की जोड़ी में किए गए मंचन को आज भी लोग याद करते हैं। मांगे राम शर्मा बताते हैं कि 90 के दशक से पहले मनोरंजन का कोई साधन नहीं था। इस कारण से रामलीला का बहुत क्रेज था। मांगे राम ने बताया कि वे लोक संपर्क विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रामायण के किरदार निभाने से मन को शांति मिलती है। मंचन के लिए लेते ही छुट्टियां, 27 वर्षों से निभा रहे राम का किरदार 45 वर्षीय जोगिंद्र शर्मा पिछले 27 वर्षों से श्रीराम का किरदार निभा रहे हैं। वे शुगर मिल में हेड फीडर के पद पर कार्यरत हैं। रामलीला मंचन के दिनों में वे 10 दिन तक छुट्टियां ले लेते हैं। लंबे समय से श्रीराम की ही किरदार निभाने के कारण लोग उन्हें श्रीराम के नाम से पहचानते हैं। जोगिंद्र शर्मा बताते हैं कि वह रामलीला में इसलिए अभिनय करते हैं क्योंकि इससे उनके मन को शांति मिलती है। यह एक पवित्र मंच हैं, जहां लोगों की सच्ची श्रद्धा जुड़ी है। भगवान श्रीराम के जीवन से काफी कुछ सीखने में मिलती हैैं।
01-सीवन। मांगेराम शर्मा।– फोटो : Kaithal
सीवन। रामायण के पात्र निभाने से कलाकारों की जीवन शैली में भी बदलाव आया है। भगवान श्रीराम की जीवन से इन कलाकारों को काफी प्रेरणा मिलती है। सीवन में आयोजित बाबा नारायण दास रंगमंच क्लब की तरफ से किए जा रहे मंचन में कई कलाकार पिछले कई वर्षों से एक ही किरदार निभा रहे हैं। इसमें जोगिंद्र शर्मा श्रीराम तो मांगे राम शर्मा राजा दशरथ का किरदार में मंचन करते हैं। वे बताते हैं कि दशकों से निभा रहे रामलीला के किरदार ही उनकी पहचान बन गए हैं।
गौरतलब है कि क्लब की तरफ से पिछले 75 वर्षों से रामलीला का मंचन किया जा रहा है। इस रामलीला में भी कलाकार भी बहुत पुराने समय से अभिनय कर रहे हैं। बहुत से कलाकारों ने अपने अभिनय की छाप दर्शकों पर छोड़ी है। जिनका मंचन देखने के लिए दूर-दराज के क्षेत्रों से दर्शक पहुंचते हैं।
वर्ष 1975 में पहली बार निभाया था दशरथ का किरदार
65 वर्षीय मांगे राम शर्मा पिछले 46 वर्षों से राजा दशरथ का किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने वर्ष 1975 में पहली बार रामलीला में दशरथ का किरदार निभाया था। इसके बाद वे इसी किरदार में लगातार मंचन कर रहे हैं। वे सत्यवादी राजा हरीश चंद के ड्रामा में हरीशचंद्र व मेघनाथ का किरदार भी निभाते हैं। इसके साथ ही बाली का किरदार निभाते रहे हैं। उनके बाली और दयानंद तनेजा के सुग्रीव के किरदार की जोड़ी में किए गए मंचन को आज भी लोग याद करते हैं। मांगे राम शर्मा बताते हैं कि 90 के दशक से पहले मनोरंजन का कोई साधन नहीं था। इस कारण से रामलीला का बहुत क्रेज था। मांगे राम ने बताया कि वे लोक संपर्क विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। रामायण के किरदार निभाने से मन को शांति मिलती है।
मंचन के लिए लेते ही छुट्टियां, 27 वर्षों से निभा रहे राम का किरदार
45 वर्षीय जोगिंद्र शर्मा पिछले 27 वर्षों से श्रीराम का किरदार निभा रहे हैं। वे शुगर मिल में हेड फीडर के पद पर कार्यरत हैं। रामलीला मंचन के दिनों में वे 10 दिन तक छुट्टियां ले लेते हैं। लंबे समय से श्रीराम की ही किरदार निभाने के कारण लोग उन्हें श्रीराम के नाम से पहचानते हैं। जोगिंद्र शर्मा बताते हैं कि वह रामलीला में इसलिए अभिनय करते हैं क्योंकि इससे उनके मन को शांति मिलती है। यह एक पवित्र मंच हैं, जहां लोगों की सच्ची श्रद्धा जुड़ी है। भगवान श्रीराम के जीवन से काफी कुछ सीखने में मिलती हैैं।
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