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लालकुर्ती से शुरू हुआ खेल मंगतपुरम में खत्म
मेरठ। मंगतपुरम से पहले लालकुर्ती और भूसा मंडी में धर्मांतरण का प्रयास हुआ। किसी को भूमि, पक्के मकान का लालच तो किसी को नौकरी का प्रलोभन दिया गया। इस बात की पुष्टि मंगतपुरम में रहने वाले लोगों ने भाजपा नेताओं के सामने की। भाजपा, विहिप और अन्य हिंदू संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 12 साल में शहर के नौ मोहल्लों में रहने वाले सैकड़ों लोग ईसाई धर्म अपना चुके हैं।
धर्म परिवर्तन कराए जाने के विरोध में शनिवार सुबह भाजपा नेता दीपक शर्मा और सचिन सिरोही के नेतृत्व में दर्जनों लोग मंगतपुरम पहुंचे। चैंपियन पुत्र दासनी ने बताया कि उसके पिता पहले लालकुर्ती टेलीफोन एक्सचेंज के पास रहते थे। वहां बस्ती में कुछ लोग नियमित आते थे और खाने पीने की चीजें देकर जाते थे। उन लोगों ने पिता को ईसाई धर्म का महत्व भी बताया। सेना द्वारा वहां से निकाले जाने के बाद वे लोग भूसा मंडी में रहने लगे। यहां भी कुछ लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया। भूसा मंडी से निकाले जाने के बाद करीब आठ साल पहले ये लोग मंगतपुरा में झुग्गी बनाकर रहने लगे। इनमें कोई कबाड़ का काम करता है तो कोई फेरी लगाता है। मंगतपुरम में ईसाई परिवारों की अलग बस्ती है। एक झुग्गी को प्रार्थना घर के रूप में तैयार किया गया है। कोविड के दौरान ईसाई समाज के लोगों ने खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया। मंगतपुरम में करीब 80 फीसदी लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं।
विहिप ने बनाए धर्म रक्षक
विहिप के महानगर मंत्री निमेश वशिष्ठ ने बताया कि धर्म प्रसार शाखा के तहत जागृति विहार और मलियाना प्रखंडों में पूर्ण कालीन कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। इनके नीचे 20 खंड में एक कार्यकर्ता धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं की निगरानी करता है। कासमपुरम निवासी संघ में महानगर सेवा प्रमुख संजय यादव ने बताया कि उन्होंने आठ वर्ष पूर्व कासमपुर में धर्म परिवर्तन की घटना को रोका था। भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा ने बताया कि तुलसी कॉलोनी में धर्म परिवर्तन की घटना को रोका गया।
धर्मांतरण के लिए लेनी होगी अनुमति
एंटी कन्वर्जन लॉ आ गया है। शहर का कोई भी चर्च इस तरह के कार्य नहीं करता है। अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद धर्म परिवर्तन कराने वाले फादर को भी जिला प्रशासन को अवगत कराना होगा। -जॉन चिम्मन, पादरी, सेंट जोसेफ चर्च।
लालकुर्ती से शुरू हुआ खेल मंगतपुरम में खत्म
मेरठ। मंगतपुरम से पहले लालकुर्ती और भूसा मंडी में धर्मांतरण का प्रयास हुआ। किसी को भूमि, पक्के मकान का लालच तो किसी को नौकरी का प्रलोभन दिया गया। इस बात की पुष्टि मंगतपुरम में रहने वाले लोगों ने भाजपा नेताओं के सामने की। भाजपा, विहिप और अन्य हिंदू संगठनों से मिली जानकारी के अनुसार बीते 12 साल में शहर के नौ मोहल्लों में रहने वाले सैकड़ों लोग ईसाई धर्म अपना चुके हैं।
धर्म परिवर्तन कराए जाने के विरोध में शनिवार सुबह भाजपा नेता दीपक शर्मा और सचिन सिरोही के नेतृत्व में दर्जनों लोग मंगतपुरम पहुंचे। चैंपियन पुत्र दासनी ने बताया कि उसके पिता पहले लालकुर्ती टेलीफोन एक्सचेंज के पास रहते थे। वहां बस्ती में कुछ लोग नियमित आते थे और खाने पीने की चीजें देकर जाते थे। उन लोगों ने पिता को ईसाई धर्म का महत्व भी बताया। सेना द्वारा वहां से निकाले जाने के बाद वे लोग भूसा मंडी में रहने लगे। यहां भी कुछ लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया। भूसा मंडी से निकाले जाने के बाद करीब आठ साल पहले ये लोग मंगतपुरा में झुग्गी बनाकर रहने लगे। इनमें कोई कबाड़ का काम करता है तो कोई फेरी लगाता है। मंगतपुरम में ईसाई परिवारों की अलग बस्ती है। एक झुग्गी को प्रार्थना घर के रूप में तैयार किया गया है। कोविड के दौरान ईसाई समाज के लोगों ने खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई। इसके बाद बड़ी संख्या में लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया। मंगतपुरम में करीब 80 फीसदी लोग धर्म परिवर्तन कर चुके हैं।
विहिप ने बनाए धर्म रक्षक
विहिप के महानगर मंत्री निमेश वशिष्ठ ने बताया कि धर्म प्रसार शाखा के तहत जागृति विहार और मलियाना प्रखंडों में पूर्ण कालीन कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं। इनके नीचे 20 खंड में एक कार्यकर्ता धर्म परिवर्तन जैसी घटनाओं की निगरानी करता है। कासमपुरम निवासी संघ में महानगर सेवा प्रमुख संजय यादव ने बताया कि उन्होंने आठ वर्ष पूर्व कासमपुर में धर्म परिवर्तन की घटना को रोका था। भाजपा नेता दुष्यंत रोहटा ने बताया कि तुलसी कॉलोनी में धर्म परिवर्तन की घटना को रोका गया।
धर्मांतरण के लिए लेनी होगी अनुमति
एंटी कन्वर्जन लॉ आ गया है। शहर का कोई भी चर्च इस तरह के कार्य नहीं करता है। अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी। इसके बाद धर्म परिवर्तन कराने वाले फादर को भी जिला प्रशासन को अवगत कराना होगा। -जॉन चिम्मन, पादरी, सेंट जोसेफ चर्च।
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