सवाल: सांसद लगातार पुलिस पर हमलावर हो रही हैं। अपराध बढऩे पर भी सवाल हैं? जवाब : अवैध खनन का पुलिस महकमे से कोई लेना-देना नहीं है। खनि विभाग जाप्ता मांगता है तो हम उपलब्ध कराते हैं। वैध-अवैध खनन भी खनि विभाग ही तय करता है। विभाग यदि कोई रिपोर्ट देता है तो पुलिस कार्रवाई करती है। पुलिस का इसमें डाइरेक्ट हस्तक्षेप नहीं है। अपराधों में मामूली बढ़ोतरी हुई है, जिसे मैं स्वीकार कर रहा हूं, लेकिन हर अपराधी को सजा दिलाने की मंशा से अपराधियों को सलाखों के पीछे पहुंचवाया है।
सवाल: आपकी कार्यशैली भी सवाल उठे हैं? जवाब: पुलिस में अपराधों की रोकथाम के लिए सख्ती बेहद जरूरी है। मैं जरूरत के लिहाज से सख्ती करता हूं। सख्ती का ही परिणाम है कि आज आम आदमी भी जानता है कि पुलिस उनके साथ है। साइबर ठगी, अवैध हथियार, गोतस्करी, चोरी एवं वाहन चोरी आदि के अपराधों पर लगाम लगी है। आंकड़े इसके साक्षी हैं। जिले में कोई ऐसा अपराध नहीं रहा है, जो अब तक अनसुलझा रहा हो।
सवाल: आपके दावों के बाद भी अपराध बढ़े हैं। ऐसा क्यों? जवाब: कोरोना के बाद बेरोजगारी बेइंतहा बढ़ी। ऐसे में कुछ अपराधों में बढ़ोतरी हुई। यह केवल भरतपुर में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में बढ़े हैं। कुछ अपराध तात्कालिक क्षणिक आवेश में हुए हैं, जो पूर्व नियोजित नहीं थे। फिर भी पुलिस ने तत्परता से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया है।
सवाल: अवैध खनन को लेकर आप पर ही सवाल क्यों उठाए? जवाब: जहां भी खनन होता है, वहां वैध-अवैध को चिह्नित करने का काम खनिज विभाग करता है। पुलिस की इसमें कोई भूमिका नहीं है। जब पुलिस का हस्तक्षेप ही नहीं है तो कार्यशैली घेरे में क्यों आएगी। सभी दर्ज मुकदमों में निष्पक्ष कार्रवाई की है। मिलीभगत के आरोप कहीं भी सिद्ध हुए हों तो बताएं। यह आरोप कतई निराधार हैं। मैं अपना काम पूरी निष्पक्षता और ईमानदारी से करता हूं, अब जो सही होगा, वो ही काम करता हूं और करता रहूंगा। कोई कुछ भी किसी के लिए कह सकता हैं, लेकिन प्रूफ के साथ बताए तो कोई बात।
सवाल: सांसद रंजीता कोली पर हमले अब तक अनसुलझे हैं। पुलिस ने क्या किया? जवाब: सांसद महोदय पर हमले के चारों प्रकरणों में मैंने आईओ से चर्चा की है। कामां वाले प्रकरण में आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पहाड़ी वाले मामले में सांसद महोदय के सिक्योरिटी में लगे लोगों के बयान बाकी हैं। बयान के बाद कोर्ट में चालान पेश कर दिया जाएगा।
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