टनकपुर में सीमा सड़क संगठन के जवान और उनके परिजनों के साथ सीएम धामी, सांसद टम्टा और वन निगम अध्यक्?
– फोटो : CHAMPAWAT
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टनकपुर (चंपावत)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) राष्ट्र निर्माण में मिशन कर्मयोगी की तरह योगदान दे रहा है। शनिवार को बीआरओ के हीरक परियोजना के मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि बीआरओ कठिन हालात में सीमांत में मार्गों और सड़कों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि मिलम, जोहार, दारमा और व्यास घाटी में बन रही सड़क प्रदेश के साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। बाद में सीएम धामी ने अधिकारियों, जवानों और उनके परिजनों से मुलाकात की।
उन्होंने राज्य में सड़क परियोजनाओं को गुणवत्ता और समय से पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीआरओ हर परियोजना में 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीय लोगों को काम दे रही है। दुर्गम इलाकों में सड़कों के निर्माण से वहां रह रहे लोगों की जीवन शैली में बदलाव आ रहा है जिसमें बीआरओ का अहम योगदान है। बीआरओ के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने हीरक परियोजना के अंतर्गत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में किए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों की जानकारी दी।
सीएम ने कहा कि मानसखंड मंदिरमाला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक और महत्वपूर्ण मंदिरों की मरम्मत कराने के अलावा इन मंदिरों को जोड़ने वाले मार्गों का विस्तार किया जाएगा। सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने का काम कर रही है। इस मौके पर सांसद अजय टम्टा, वन निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय आदि मौजूद थे।
क्वैराला पंपिंग योजना: 15 हजार लोगों की बुझेगी प्यास
चंपावत। जिला मुख्यालय के लोगों को चंपावत नगर पुनर्गठन पंपिंग (क्वैराला पंपिंग) योजना के रूप में शनिवार को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर से इस योजना का लोकार्पण किया। 30.88 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की इस योजना से यहां के 15 हजार लोगों की प्यास बुझेगी।
चंपावत नगर क्षेत्र के लिए अगस्त 2016 से चंपावत पुनर्गठन पेयजल पंपिंग योजना का काम शुरू हुआ था। 30 साल तक क्षेत्र की पेयजल जरूरत पूरी करने वाली इस योजना को दिसंबर 2018 में पूरी किया जाना था लेकिन काम सवा तीन साल देर में यानी इस साल मार्च में पूरा हो सका। 16 सितंबर से योजना से क्षेत्र के एक हिस्से (खर्ककार्की जोन) में पेयजल आपूर्ति शुरू की गई थी। लेकिन बारिश के चलते एक दिन बाद ही 17 सितंबर से इस आपूर्ति को रोकना पड़ा। खामी को दूर कर चार अक्तूबर से पानी की आपूर्ति फिर शुरू हुई लेकिन फिर हुई बारिश से रेत और मिट्टी आने से नौ अक्तूबर से योजना से पेयजल आपूर्ति बंद है। तबसे अब तक योजना का पानी वितरित नहीं हो रहा है। संवाद
योजना के ये थे लक्ष्य
1.17 किमी लंबी इस योजना से 30 वर्षों तक चंपावत शहर की पेयजल किल्लत दूर होगी।
2.शहर की 14964 की आबादी को रोजाना प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी मिलेगा।
3.साफ पानी मिलने से बीमारी के खतरे से बचाव।
क्वैराला पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सितंबर से अब तक दो बार भारी बारिश से योजना के शुरुआती बिंदु में मिट्टी और रेत आने से आपूर्ति रोकी गई। शुक्रवार को मिट्टी और रेत हटा ली गई है लेकिन अभी बिजली के चार खंभों के टूटने से बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से पेयजल वितरण नहीं हो पा रहा है।
-वीके पाल, ईई, पेयजल निगम, चंपावत।
अब रोज मिलेगा 20 लाख लीटर पानी
चंपावत। चंपावत शहरी क्षेत्र की मौजूदा जनसंख्या को 20.20 लाख लीटर पानी की रोजाना जरूरत होती है लेकिन मिलता दो-तिहाई भी नहीं है। जल संस्थान के ईई विलाल यूनुस का कहना है कि छीड़ापानी, ललुवापानी, रौखेत, च्यूराखर्क, चौड़देव, दियारखोला, सौडख़ोला, थूम, थैण, दुगधारी और सिमाल स्रोतों से चंपावत को पानी मिलने के बावजूद ये कमी थी लेकिन क्वैराला योजना के शुरू होने से इस दिक्कत से निजात मिलने के साथ जरूरत के अनुरूप पानी मिलेगा।
टनकपुर (चंपावत)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) राष्ट्र निर्माण में मिशन कर्मयोगी की तरह योगदान दे रहा है। शनिवार को बीआरओ के हीरक परियोजना के मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि बीआरओ कठिन हालात में सीमांत में मार्गों और सड़कों का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि मिलम, जोहार, दारमा और व्यास घाटी में बन रही सड़क प्रदेश के साथ ही देश की सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। बाद में सीएम धामी ने अधिकारियों, जवानों और उनके परिजनों से मुलाकात की।
उन्होंने राज्य में सड़क परियोजनाओं को गुणवत्ता और समय से पूरा करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बीआरओ हर परियोजना में 90 प्रतिशत से अधिक स्थानीय लोगों को काम दे रही है। दुर्गम इलाकों में सड़कों के निर्माण से वहां रह रहे लोगों की जीवन शैली में बदलाव आ रहा है जिसमें बीआरओ का अहम योगदान है। बीआरओ के मुख्य अभियंता विमल गोस्वामी ने हीरक परियोजना के अंतर्गत उच्च हिमालयी क्षेत्रों में किए जा रहे सड़क निर्माण कार्यों की जानकारी दी।
सीएम ने कहा कि मानसखंड मंदिरमाला मिशन के अंतर्गत कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक और महत्वपूर्ण मंदिरों की मरम्मत कराने के अलावा इन मंदिरों को जोड़ने वाले मार्गों का विस्तार किया जाएगा। सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने का काम कर रही है। इस मौके पर सांसद अजय टम्टा, वन निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी, जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय आदि मौजूद थे।
क्वैराला पंपिंग योजना: 15 हजार लोगों की बुझेगी प्यास
चंपावत। जिला मुख्यालय के लोगों को चंपावत नगर पुनर्गठन पंपिंग (क्वैराला पंपिंग) योजना के रूप में शनिवार को बड़ी सौगात मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टनकपुर से इस योजना का लोकार्पण किया। 30.88 करोड़ रुपये से अधिक की लागत की इस योजना से यहां के 15 हजार लोगों की प्यास बुझेगी।
चंपावत नगर क्षेत्र के लिए अगस्त 2016 से चंपावत पुनर्गठन पेयजल पंपिंग योजना का काम शुरू हुआ था। 30 साल तक क्षेत्र की पेयजल जरूरत पूरी करने वाली इस योजना को दिसंबर 2018 में पूरी किया जाना था लेकिन काम सवा तीन साल देर में यानी इस साल मार्च में पूरा हो सका। 16 सितंबर से योजना से क्षेत्र के एक हिस्से (खर्ककार्की जोन) में पेयजल आपूर्ति शुरू की गई थी। लेकिन बारिश के चलते एक दिन बाद ही 17 सितंबर से इस आपूर्ति को रोकना पड़ा। खामी को दूर कर चार अक्तूबर से पानी की आपूर्ति फिर शुरू हुई लेकिन फिर हुई बारिश से रेत और मिट्टी आने से नौ अक्तूबर से योजना से पेयजल आपूर्ति बंद है। तबसे अब तक योजना का पानी वितरित नहीं हो रहा है। संवाद
योजना के ये थे लक्ष्य
1.17 किमी लंबी इस योजना से 30 वर्षों तक चंपावत शहर की पेयजल किल्लत दूर होगी।
2.शहर की 14964 की आबादी को रोजाना प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी मिलेगा।
3.साफ पानी मिलने से बीमारी के खतरे से बचाव।
क्वैराला पंपिंग योजना से पेयजल आपूर्ति नहीं हो पा रही है। सितंबर से अब तक दो बार भारी बारिश से योजना के शुरुआती बिंदु में मिट्टी और रेत आने से आपूर्ति रोकी गई। शुक्रवार को मिट्टी और रेत हटा ली गई है लेकिन अभी बिजली के चार खंभों के टूटने से बिजली आपूर्ति प्रभावित होने से पेयजल वितरण नहीं हो पा रहा है।
-वीके पाल, ईई, पेयजल निगम, चंपावत।
अब रोज मिलेगा 20 लाख लीटर पानी
चंपावत। चंपावत शहरी क्षेत्र की मौजूदा जनसंख्या को 20.20 लाख लीटर पानी की रोजाना जरूरत होती है लेकिन मिलता दो-तिहाई भी नहीं है। जल संस्थान के ईई विलाल यूनुस का कहना है कि छीड़ापानी, ललुवापानी, रौखेत, च्यूराखर्क, चौड़देव, दियारखोला, सौडख़ोला, थूम, थैण, दुगधारी और सिमाल स्रोतों से चंपावत को पानी मिलने के बावजूद ये कमी थी लेकिन क्वैराला योजना के शुरू होने से इस दिक्कत से निजात मिलने के साथ जरूरत के अनुरूप पानी मिलेगा।
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