ख़बर सुनें
साइबर अपराध रोकने के बताए गए गुर
बस्ती। पुलिस लाइंस सभागार में बृहस्पतिवार को साइबर अपराध के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उसकी अध्यक्षता डीआईजी आरके भारद्वाज ने की। एसपी आशीष श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम में परिक्षेत्र के बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जनपद के अधिकारी व पुलिसकर्मी शामिल हुए।
इस दौरान साइबर अपराध के विशेषज्ञों ने वेबिनार के माध्यम से पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ ने पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध के प्रकार, फर्स्ट रिस्पांडर (पहली प्रतिक्रिया) तथा त्वरित कार्रवाई करने के बारे में जानकारी दी। साथ ही साइबर अपराध के निस्तारण एवं विवेचना में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलन करने की प्रक्रिया के कई तरीकों को बताया गया। एसपी साइबर क्राइम लखनऊ ने विभिन्न तरह के साइबर अपराध के बारे में उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी दी।
डीआईजी आरके भारद्वाज ने कहा कि सामान्य तौर पर लोगों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी व जागरुकता कम होती है। इसका शिकार होने के बाद लोग पुलिस के पास आते हैं। ऐसे में पुलिस का कर्तव्य है कि उनकी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें। जहां तक और जितनी जल्दी संभव हो, उनकी समस्या का निराकरण कराएं। एसपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा सबसे ज्यादा एकाउंट से रुपये ट्रांसफर कर लेने की शिकायतें आती हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया से जुड़े मामले पुलिस के पास आ रहे हैं। संबंधित सेल के पुलिस कर्मियों को इसके निराकरण के लिए पहले से तत्पर और तैयार रहना चाहिए। संपर्क में आने वाले लोगों को इसके बारे में जागरूक भी करते रहना चाहिए। इस दौरान तीनों जनपदों के साइबर सेल के पुलिस कर्मी व अधिकारी मौजूद रहे।
साइबर अपराध रोकने के बताए गए गुर
बस्ती। पुलिस लाइंस सभागार में बृहस्पतिवार को साइबर अपराध के संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया। उसकी अध्यक्षता डीआईजी आरके भारद्वाज ने की। एसपी आशीष श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में आयोजित इस कार्यक्रम में परिक्षेत्र के बस्ती, सिद्धार्थनगर और संतकबीरनगर जनपद के अधिकारी व पुलिसकर्मी शामिल हुए।
इस दौरान साइबर अपराध के विशेषज्ञों ने वेबिनार के माध्यम से पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम लखनऊ ने पुलिस कर्मियों को साइबर अपराध के प्रकार, फर्स्ट रिस्पांडर (पहली प्रतिक्रिया) तथा त्वरित कार्रवाई करने के बारे में जानकारी दी। साथ ही साइबर अपराध के निस्तारण एवं विवेचना में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य संकलन करने की प्रक्रिया के कई तरीकों को बताया गया। एसपी साइबर क्राइम लखनऊ ने विभिन्न तरह के साइबर अपराध के बारे में उदाहरण सहित विस्तृत जानकारी दी।
डीआईजी आरके भारद्वाज ने कहा कि सामान्य तौर पर लोगों को साइबर अपराध के बारे में जानकारी व जागरुकता कम होती है। इसका शिकार होने के बाद लोग पुलिस के पास आते हैं। ऐसे में पुलिस का कर्तव्य है कि उनकी शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करें। जहां तक और जितनी जल्दी संभव हो, उनकी समस्या का निराकरण कराएं। एसपी आशीष श्रीवास्तव ने कहा सबसे ज्यादा एकाउंट से रुपये ट्रांसफर कर लेने की शिकायतें आती हैं।
इसके अलावा सोशल मीडिया से जुड़े मामले पुलिस के पास आ रहे हैं। संबंधित सेल के पुलिस कर्मियों को इसके निराकरण के लिए पहले से तत्पर और तैयार रहना चाहिए। संपर्क में आने वाले लोगों को इसके बारे में जागरूक भी करते रहना चाहिए। इस दौरान तीनों जनपदों के साइबर सेल के पुलिस कर्मी व अधिकारी मौजूद रहे।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post