21 नवंबर को विश्व टीवी दिवस: भारत में 63 साल का हुआ बुद्धू बक्सा
बसंत मौर्य/मुंबई. भारत में टेलीविजन (टीवी) की दस्तक के 63 साल हो गए हैं। घरेलू मनोरंजन का टीवी सबसे बड़ा माध्यम बन गया है। रोजगार देने और कारोबार के मामले में इसने सिनेमाई मनोरंजन के बड़े पर्दे को पछाड़ दिया है। 1959 में जब दूरदर्शन (डीडी) की शुरुआत हुई तो टीवी ब्लैक एंड वाइट था। इसके तेइस साल बाद रंगीन टीवी आया। डीडी ने अप्रेल 1982 से रंगीन कंटेंट दिखाना शुरू किया। इसे बुद्धू बक्सा भले कहा जाता है, मगर यह मनोरंजक धारावाहिकों के साथ ज्ञान-विज्ञान की जानकारी का बड़ा जरिया है। कृषि, पढ़ाई-लिखाई, खेल-कूद आदि को समर्पित चैनल हैं। सैटेलाइट की मदद से टीवी पर क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, कबड्डी जैसे तमाम खेलों का सीधा प्रसारण होता है। खास यह कि हमारा टीवी समय के साथ न सिर्फ कदमताल कर रहा बल्कि बदल भी रहा। धारावाहिकों-फिल्मों आदि को घर-घर पहुंचा रहा टीवी अब ओटीटी कंटेंट भी दिखा रहा। ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वेब सीरीज-लघु फिल्में दिखाई जा रही हैं। तकनीक ने मोबाइल को भी टीवी में तब्दील कर दिया है। बदलाव की बयार का ही नतीजा है कि अधिकांश टीवी कंटेंट मोबाइल पर देख-सुन सकते हैं। सफर में हों या दफ्तर में, पसंदीदा कार्यक्रम मोबाइल पर देख सकते हैं। देश की 93 प्रतिशत से ज्यादा आबादी टीवी देखती है। अकेले डीडी 20 से ज्यादा चैनल चलाता है। सलाहकार सेवा प्रदाता बहुराष्ट्रीय कंपनी प्राइस वाटर हाउस कूपर के अनुसार 2026 तक भारत के मनोरंजन उद्योग का कारोबार 4.30 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है। इसके अनुसार इस साल मीडिया व मनोरंजन कारोबार 3.14 लाख करोड़ रुपए का होगा। सिनेमा, टीवी चैनल्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म, वेब सीरीज आदि इसमें शामिल हैं।
96 साल पहले बना
टीवी बनाने का श्रेय स्कॉटलैंड के जॉन लोगी बेयर्ड को जाता है। बॉक्स, कार्ड और पंखे की मोटर का इस्तेमाल कर उन्होंने 2024 में इसे तैयार किया था। बीमारी के चलते लेयर्ड स्कूल नहीं जा पाते थे। टेलीफोन से खास लगाव वाले बेयर्ड ने सपने को हकीकत में तब्दील किया। टीवी रिमोट का आविष्कार यूजिन पॉलिन ने 1915 में किया था। रिमोट कंट्रोल वाला पहला टीवी 1950 में बाजार में आया।
पहले कतराते थे बड़े सितारे
छोटे पर्दे पर काम करने से बॉलीवुड के बड़े सितारे पहले कतराते थे। जब इसकी पहुंच घर-घर हो गई तो अभिनेता-अभिनेत्रियों की सोच बदली। आज बड़े कलाकार छोटे पर्दे और ओटीटी में काम करने का अवसर तलाशते हैं। कई कलाकारों को छोटे पर्दे से शोहरत मिली है। इनमें शाहरुख खान, सलमान खान, श्रीदेवी, माधुरी दीक्षित, इरफान खान, शिल्पा शेट्टी, विद्या बालन प्रमुख हैं। कई टीवी कलाकार आज फिल्मों मे अपने अभिनय का झंडा गाड़ चुके हैं।
पांच लोकप्रिय सीरियल
टीवी पर शुरू में डीडी का ही राज था। नब्बे के दशक में निजी चैनलों ने दस्तक दी। वैसे डीडी पर कई यादगार धारावाहिक प्रसारित हुए हैं। डीडी का पहला सीरियल ‘हम लोग’ से लेकर रामानंद सागर के रामायण को दर्शकों का भरपूर प्यार मिला। ‘हम लोग’ का प्रसारण सात जुलाई, 1984 को डीडी पर हुआ था। मनोहर श्माय जोशी लिखित कहानी को पी कुमार वासुदेव ने निर्देशित किया था। इसके 154 एपिसोड थे और यह सीरियल 17 दिसंबर 1985 तक दूरदर्शन पर दिखाए गए। इसके बाद विक्रम और बैताल, बुनियाद, रामायण, मालगुडी डेज जैसे सीरियल छोटे पर्दे पर आए। कोरोना काल में रामायण, महाभारत, कृष्णा जैसे धारावाहिक दोबारा दिखाए गए।
टीवी: कोरोना के चलते 2020 में विज्ञापनों से टीवी की कमाई 108 प्रतिशत घटी जबकि 2021 में 16.9 प्रतिशत बढ़ कर 32,374 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। वार्षिक आधार पर 6.3 प्रतिशत औषत वृद्धि के साथ टीवी चैनलों की कमाई 2026 तक 43,410 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। टीवी विज्ञापन खर्च के मामले में अगले चार साल में भारत दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश बन सकता है। अमरीका, जापान, चीन व ब्रिटेन क्रमश: पहले से चौथे स्थान पर होंगे।
ओटीटी: ओटीटी का पूरा नाम ओवर द टॉप है। इसमें ग्राहकों की मांग पर इंटरनेट के माध्यम से फिल्में या टीवी कंटेंट दिखाए जाते हैं। यूट्यूब, एमएक्स प्लेयर, प्राइम वीडियोज, नेटफ्लिक्स, सोनीलिव आदि ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं। ओटीटी की कमाई सालाना 14.1 प्रतिशत वृद्धि के साथ 2026 तक 21 हजार करोड़ को पार कर सकती है।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post