चीन में ओमिक्रॉन का नया सब वैरिएंट मिला।
– फोटो : अमर उजाला
ख़बर सुनें
चीन में कोरोनावायरस के दो नए सब वैरिएंट मिले हैं। इसे BF.7 और BA.5.1.7 नाम दिया गया है। दोनों ही सब वैरिएंट काफी संक्रामक हैं। BF.7 सब वैरिएंट चीन के कई प्रांतों में फैल चुका है। अब चीन सरकार इसके रोकथाम के लिए कोशिशों में जुट गई है।
चीन के स्थानीय रोग रोकथाम और नियंत्रण केंद्र के उप निदेशक ली शुजियान ने इसको लेकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘BF.7 सब वैरिएंट की पुष्टि सबसे पहले उत्तर पश्चिमी चीन में चार अक्तूबर को हुई थी। इसके अलावा BA.5.1.7 वैरिएंट की पुष्टि भी हो गई है।
ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप को झेलेगी? भारत के लिए कितनी चिंता की बात है? ये कोरोना के दोनों नए वैरिएंट कितने खतरनाक हैं? आइए जानते हैं…
पहले जानिए कितने खतरनाक हैं दोनों सब वैरिएंट?
चीनी मीडिया ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, ‘ओमिक्रॉन का बीएफ.7 और बीए.5.1.7 सब-वैरिएंट चीन के कई प्रांतों में फैल चुका है। बीए.5.1.7 पहली बार चीन में पाया गया है। ओमिक्रॉन के ये दोनों सब वैरिएंट काफी खतरनाक हैं।’ ग्लोबल टाइम्स ने स्थानीय विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि ओमिक्रॉन बीए.5.1.7 काफी तेजी से फैलता है। लोगों के इससे संक्रमित होने की आशंका ज्यादा है।’
ग्लोबल टाइम्स ने आगे पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट के हवाले से सबवेरिएंट BA.5 की जानकारी दी है। इसके अनुसार, इस सब वैरिएंट ने ही अमेरिका, ब्रिटेन और कई अन्य देशों हाहाकार मचा दिया था। लाखों लोग इस सब वैरिएंट की चपेट में आ चुके हैं। ये तेजी और आसानी से फैलता है। चिंता की बात ये है कि इम्यून लेवल पर भी प्रहार करता है और अगर कोई वैक्सीन लगवा चुका है तो उसे भी इससे संभलकर रहने की जरूरत है।
WHO ने क्या कहा?
ओमिक्रॉन के दोनों नए सब वैरिएंट को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी चिंतित है। संगठन की ओर से चेतावनी जारी की गई है। कहा गया है कि यह सब वैरिएंट जल्द ही नया संस्करण बना सकता है। अगर समय रहते इसके रोकथाम के लिए उपाय नहीं किए गए तो यह जल्द ही पूरे चीन को अपनी चपेट में ले सकता है। दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसके फैलने की आशंका है।
तो क्या पूरी दुनिया में फिर मचेगी तबाही?
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक हफ्ते तक चीन में राष्ट्रीय दिवस को लेकर छुट्टी थी। इसके बाद रविवार को अचानक से कोरोना के 1878 मामले सामने आ गए। 20 अगस्त के बाद ये आंकड़े सबसे अधिक थे। एक हफ्ते छुट्टी के दौरान भी लोगों को शहर और देश छोड़ने की अनुमति नहीं थी। इसके बावजूद तेजी से लोगों में संक्रमण फैलने से सरकार चिंतित है।
इन्हीं आंकड़ों को देखकर आशंका जताई जा रही है कि अगर समय रहते इसे रोका नहीं गया तो दूसरे देश भी ओमिक्रॉन के इस नए वैरिएंट की चपेट में आ सकते हैं। खासतौर पर स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी झेल रहे अफ्रीकी और एशियाई देशों में इसका ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।
दोनों नए सब वैरिएंट से बचने के लिए चीन ने क्या तैयारी की?
चीन में अभी भी जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। इसके तहत सीमा पर प्रतिबंधों, सामूहिक परीक्षण, व्यापक क्वारंटाइन, लॉकडाउन लगाना है। जीरो कोविड पॉलिसी के लागू होने से चीन के नागरिकों को कड़े प्रतिबंधों से गुजरना पड़ रहा है। विदेश यात्रा करके वापस लौटने पर लोगों को 10 दिन क्वारंटाइन रहना पड़ता है। हाल ही में जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी विदेश यात्रा करके वापस लौटे थे, तो दस दिनों तक वह क्वारंटाइन रहे थे। इसके अलावा दफ्तरों और अन्य कार्यस्थलों के लिए भी चीनी सरकार ने सख्त कानून बनाए हैं। जिन संस्थानों के काम वर्क फ्रॉम होम से हो सकते हैं, उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया है।
विस्तार
चीन में कोरोनावायरस के दो नए सब वैरिएंट मिले हैं। इसे BF.7 और BA.5.1.7 नाम दिया गया है। दोनों ही सब वैरिएंट काफी संक्रामक हैं। BF.7 सब वैरिएंट चीन के कई प्रांतों में फैल चुका है। अब चीन सरकार इसके रोकथाम के लिए कोशिशों में जुट गई है।
चीन के स्थानीय रोग रोकथाम और नियंत्रण केंद्र के उप निदेशक ली शुजियान ने इसको लेकर मीडिया के सामने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, ‘BF.7 सब वैरिएंट की पुष्टि सबसे पहले उत्तर पश्चिमी चीन में चार अक्तूबर को हुई थी। इसके अलावा BA.5.1.7 वैरिएंट की पुष्टि भी हो गई है।
ऐसे में सवाल उठने लगा है कि क्या एक बार फिर से पूरी दुनिया कोरोना के प्रकोप को झेलेगी? भारत के लिए कितनी चिंता की बात है? ये कोरोना के दोनों नए वैरिएंट कितने खतरनाक हैं? आइए जानते हैं…
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post