NSA Ajit Doval: इस्लामिक सोसाइटी में उलेमा का अहम स्थान है. उलेमा के धार्मिक उपदेशों और उनके तरफ से दिए जाने वाले बयानों को मुस्लिम समाज काफी अहमियत देता है. ऐसे में इंडोनेशिया और भारत के उलेमा एक अनूठी पहल करते हुए एक मंच पर आ रहे हैं. इस महीने 29 नवंबर यानी मंगलवार के दिन दिल्ली के इस्लामिक कल्चरल सेंटर में ‘The Role of Ulema in Fostering a Culture of Interfaith Peace and Social Harmony in India and Indonesia’ ( भारत और इंडोनेशिया में पारस्परिक शांति और सामाजिक सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देने में उलेमा की भूमिका) विषय पर चर्चा करेगें.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के निमंत्रण पर विशेष तौर पर इसमें इंडोनेशिया के शीर्ष मंत्री डॉ. मोहम्मद महफुद एमडी (Prof.Dr. Mohammad Mahfud M.D.) भी शामिल हो रहे हैं. डा. महफूद के साथ शीर्ष उलेमाओं का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी इसमें शामिल हो रहा है.
हम आपको बता दें कि इस साल 17 मई को एनएसए अजीत डोभाल ने भारत-इंडोनेशिया सुरक्षा वार्ता के लिए इंडोनेशिया का दौरा किया था का दौरा किया था. इसी दौरान भारत और इंडोनेशिया के उलेमाओं के भारत दौरे पर चर्चा की गई थी.
अलग-अलग विषयों पर चर्चा होगी
भारत में हो रही बैठक के दौरान दोनों देशों के उलेमा एक साथ अलग-अलग विषयों पर चर्चा करेगें. इस कार्यक्रम से जुड़े जानकारों के मुताबिक इस तरह की चर्चा का उद्देश्य भारतीय उलेमाओं और इस्लामिक जानकारों को एक साथ लाना है जिससे प्यार, सदभाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में और ज्यादा मजबूती लाई जा सके.
इस्लामिक कल्चरल सेंटर में हो रही इस वार्ता को तीन सेशन में बांटा गया है जिसमें पहले सेशन में इस्लाम में निरंतरता और परिवर्तन (Islam: Continuity and Change), दूसरे सेशन में अंतर-विश्वास समाज के सामंजस्य (Harmonising Interfaith Society:Practice and Experience) और आखिरी सेशन में भारत और इंडोनेशिया में कट्टरता और उग्रवाद का मुकाबला (Countering Radicalization and Extremism in India and Indonesia) पर पूरे दिन चर्चा होगी. इस बैठक के पहले सेशन को एनएसए अजीत डोभाल और इंडोनेशिया के मंत्री डॉ. मोहम्मद महफुद एमडी संबोधित करेगें.
इंडोनेशिया के जीवन शैली में हिंदू संस्कृति का काफी प्रभाव है
देखा जाए तो इंडोनेशिया मुस्लिम आबादी वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है. इंडोनेशिया और भारत के बीच काफी पुराने संबंध हैं. इंडोनेशिया के जीवन शैली में हिंदू संस्कृति का काफी प्रभाव है. साथ ही यहां खान-पान और बोलियों में समानता देखी जाती हैं. हालांकि पिछले कुछ सालों में भारत की तरह इंडोनेशिया में भी रेडिकलाइजेशन और धार्मिक हिंसा से जुड़ी घटनाएं देखी गई हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि इस कार्यक्रम में दोनों देशों के उलेमाओं की भागीदारी और उनके बीच विचारों के आदान-प्रदान से आने वाले दिनों में सांस्कृतिक संबध में और मजूबती आएगी.
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