जेनेवा, पीटीआइ। भारत ने गुरुवार को पाकिस्तान को खरी-खरी सुनाते हुए कहा कि पूरा केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख हमेशा उसका अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था और रहेगा। 2019 में संवैधानिक बदलाव के बाद क्षेत्र के लोग अब देश के अन्य हिस्सों की तरह अपनी पूरी क्षमता का अहसास करने में सक्षम हैं।
भारत ने की पाकिस्तान की खिंचाई
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में सार्वभौमिक सामयिक समीक्षा (यूपीआर) कार्यकारी समूह के 41वें सत्र को संबोधित करते हुए सालिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कश्मीर राग छेड़ने को लेकर पाकिस्तान की खिंचाई की। इस बैठक का आयोजन 7-18 नवंबर तक किया जाएगा। यूएनएचआरसी में भारत के मानवाधिकार रिकार्ड की सार्वभौमिक सामयिक समीक्षा की जा रही है।
‘जम्मू-कश्मीर में अब हालात सामान्य’
मेहता ने कहा, ‘तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के संवैधानिक परिवर्तन और पुनर्गठन के बाद क्षेत्र के लोग अब देश के अन्य हिस्सों की तरह अपनी पूरी क्षमता का अहसास करने में सक्षम हैं। मेहता की प्रतिक्रिया पाकिस्तान के प्रतिनिधि द्वारा समीक्षा प्रक्रिया में अपनी टिप्पणी के दौरान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने के बाद आई है। पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने अगस्त 2019 से उठाए गए कदमों को उलटने और क्षेत्र में स्वतंत्र पर्यवेक्षकों तक पहुंच सहित छह सिफारिशें कीं।’
अगस्त 2019 से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में सुधार
यूपीआर के लिए भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे मेहता ने कहा, सीमा पार आतंकवाद के लगातार खतरे के बावजूद अगस्त 2019 से जम्मू कश्मीर में सुरक्षा स्थिति में काफी सुधार हुआ है। भारत ने पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया।
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Edited By: Devshanker Chovdhary
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