लखनऊ, [जितेंद्र उपाध्याय]। व्यावसायिक शिक्षा विभाग की ओर से आइटीआइ के विद्यार्थियों को किताबी तकनीकी ज्ञान के साथ ही औद्योगिक समझ बढ़ाने की पहल शुरू हो चुकी है। जिला उद्योग केंद्रों के माध्यम से एक जिला एक उत्पाद के प्रशिक्षण के बाद बड़ी तकनीकी संस्थानों के माध्यम से आइटीआइ के होनहारों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जाएगा। एचसीएल सैससंग और सीपेट जैसी संस्थानों की ओर से आइटीआइ के विद्यार्थियों को नई तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चारबाग स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में इसकी शुरुआत हो गई है। प्रधानाचार्य ओपी सिंह ने बताया कि बाजार के अनुरुप तकनीकी ज्ञान पाकर ही विद्यार्थी समाज में अपनी पहचान बना सकते हैं। प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशक हरिकेश चौरसिया की पहल पर यह प्रयास सराहनीय है। आइटीआइ के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। नादरगंज स्थित सीपेट परिसर का गुरुवार को विद्यार्थियों ने दौरा किया और वहां के इंजीनियरिंग कर रहे विद्यार्थियों और प्रयोगशालाओं के बारे में जानकारी हासिल की। एचसीएल की ओर से भी प्रशिक्षण की तैयारी पूरी हो गई हैं।
प्रशिक्षण से बढ़ेगी जानकारीः आइटीआइ के विद्यार्थियों को ऐसी तकनीक जानकारी से न केवल उनकी समझ बढ़ेगी, बल्कि उनके अंदर तकनीकी शिक्षा के प्रति उत्साह भी बढ़ेगा। आगे आने वाले समय में भी कई कंपनियों की ओर से करार किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश की 304 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में 150 को टाटा समूह को चलाने की जिम्मेदारी दी गई। शार्ट टर्म कोर्स से तकनीकी ज्ञान का विकास होगा।
सरकार की मंशा है कि अधिक से अधिक युवाओं को गुणवत्तायुक्त तकनीकी शिक्षा देकर रोजगार से जोड़ा जाए। इसी को लेकर शार्ट टर्म प्रशिक्षण के साथ कंपनियों से करार कर गुणवत्ता बढ़ाने का प्रयास चल रहा है। टाटा समूह के बाद आने वाले समय में अन्य कंपनियों से भी समझौता किया जाएगा। -हरिकेश चौरसिया, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन।
Edited By: Vikas Mishra
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