रिपोर्ट-अभिषेक जायसवाल
वाराणसी. यूपी के वाराणसी के पीतल कारोबार में काशी विश्वनाथ धाम की एंट्री ने कमाल कर दिखाया है. सैकड़ों साल पुराने काशी के कारोबार को अब दोबारा से संजीवनी मिल गई है. हाल ये है कि इससे जुड़े व्यपारियों के पास दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, तमिलनाडु के अलावा बिहार और झारखंड से बड़ी संख्या में ऑर्डर आ रहे हैं. पीतल के कारोबार के घरेलू बाजार में पहली बार कारोबारियों ने लगभग 100 करोड़ का जादुई आंकड़ा पार कर लिया है. दरअसल वाराणसी के काशीपुरा इलाके में कसेरा समाज से जुड़े करीब 200 परिवार इस काम को करते हैं.
ये कारीगर पीतल पर नक्काशी कर बर्तनों को खूबसूरत लुक देते हैं. बात यदि पिछले कुछ सालों की करें तो 50 करोड़ का कारोबार ही साल में हो पाता था, लेकिन दिसम्बर 2021 में जब से काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham) का लोकार्पण हुआ है. इसके व्यवसाय में अचानक से बूम आ गया है.
तैयार करते हैं ये सामान
व्यापारी अनिल कसेरा ने बताया कि धाम के निर्माण को करीब एक साल हुआ है. उसके बाद यहां का व्यवसाय लगभग दोगुना हो गया है. पहले 50 करोड़ का ही वार्षिक व्यवसाय हो पाता था, लेकिन अब दोगुने ऑर्डर से 1 साल में ये आंकड़ा 100 करोड़ तक पहुंच गया है. बता दें कि ये कारीगर पीतल के पूजा वाले बर्तन, कमंडल, घण्टी, मूर्तियां, लोटा और अन्य सामान तैयार करते हैं. इसकी एक वजह यहां धार्मिक पर्यटकों की आवक भी है.
कोरोना में थे परेशान, लेकिन…
कारोबारी दीपक ने बताया कि सैकड़ों साल पुराने कारोबार से जुड़े कारोबारी कोरोना के समय काफी परेशान थे और व्यवसाय भी मंदा था, लेकिन काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण ने इसे नई संजीवनी दे दी. बता दें कि विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के बाद पिछले छह महीने में वाराणसी में लगभग डेढ़ करोड़ से ज्यादा टूरिस्ट यहां आए हैं, जिसका सीधा फायदा अब काशी के व्यापारियों को मिल रहा है.
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Tags: Kashi Vishwanath Dham, Kashi Vishwanath Temple, Varanasi news
FIRST PUBLISHED : November 11, 2022, 11:54 IST
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