हाइलाइट्स
शादी-विवाह के लिए अशुभ माना जाता है विवाह पंचमी का शुभ दिन
आदर्श पति-पत्नी होने के बावजूद भी कठिनाई भरा रहा श्रीराम-सीता का वैवाहिक जीवन
विवाह पंचमी के दिन शादी करने से वैवाहिक जीवन होती है कठिनाईयां
Vivah Panchami 2022: हिंदू धर्म में विवाह पंचमी के दिन का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन माता सीता और भगवान श्रीराम का विवाह हुआ था. हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल विवाह पंचमी का पर्व मार्गशीर्ष माह (माघ महीने) की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है. इस साल विवाह पंचमी 28 नवंबर 2022 को होगी. भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और पूजा-पाठ करते हैं. इस दिन माता सीता-भगवान राम के विवाह का आयोजन भी कराया जाता है और इसे एक उत्सव के समान मनाया जाता है.
इस मौके पर राम जी के मंदिरों में भी धूमधाम देखने को मिलती है. घरों में भी लोग रामजी और माता सीता की पूजा करते हैं लेकिन शादी के लिए यह तिथि अशुभ मानी जाती है.
विवाह पंचमी के दिन हिंदू धर्म में शादी-विवाह जैसे शुभ कार्य नहीं होते. शादी के शुभ मुहूर्त होने और ग्रह-स्थितियां ठीक होने के बावजूद भी इस दिन शादी नहीं की जाती है क्योंकि शादी कराने के लिए विवाह पंचमी के दिन को अशुभ माना जाता है. दरअसल इससे जुड़ी एक खास वजह है. आचार्य गुरमीत सिंह जी से जानते हैं आखिर क्यों विवाह पंचमी के दिन नहीं होती शादियां.
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शादी के लिए शुभ नहीं विवाह पंचमी का दिन
भगवान राम और माता सीता की जोड़ी आदर्श पति-पत्नी के रूप में जानी जाती है. बड़े-बुजुर्ग भी किसी सुखी दंपती या नवविवाह जोड़े को राम-सीता जैसी जोड़ी होने का आशीर्वाद देते हैं. लेकिन माना जाता है कि भगवान राम और माता सीता का वैवाहिक जीवन अत्यंत दुखभरा रहा. राजमहल छोड़ उन्हें 14 साल वनवास में रहना पड़ा. माता सीता का रावण द्वारा अपहरण होना. इसके बाद माता सीता का अग्निपरीक्षा देना और श्रीराम द्वारा गर्भवती अवस्था में माता सीता का परित्याग करना. महल की रानी और जनक पुत्री होने के बावजूद भी माता सीता ने एक आश्रम में अपने दोनों पुत्र लव और कुश को जन्म दिया. इन्हीं घटनाओं के कारण विवाह पंचमी के दिन लोग अपनी बेटी की शादी नहीं कराते क्योंकि उनकी बेटी का वैवाहिक जीवन भी माता सीता की तरह दुखद न बीते.
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इस दिन कुंवारी कन्या द्वारा पूजा-पाठ करना बहुत शुभ होता है. उन्हें उत्तम वर की प्राप्ति होती है. यदि शादी-विवाह में किसी प्रकार की अड़चनें आ रही हैं या किसी कारण देरी हो रही है तो विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा जरूर करें. इससे शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. वहीं शादीशुदा जोड़ा विवाह पंचमी के दिन व्रत-पूजन करता है तो उनके वैवाहिक जीवन में कोई परेशानी नहीं होती है.
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Tags: Ayodhya Ram Sita Vivah, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : November 14, 2022, 11:44 IST
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