Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Nov, 2022 09:01 AM
भारत में बच्चों में तेजी से खसरे की बीमारी फैल रही है। रांची, अहमदाबाद और मलप्पुरम में बच्चों में खसरे के मामलों में वृद्धि देखी गई है। वहीं इस बीमारी से कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है।
नेशनल डेस्क: भारत में बच्चों में तेजी से खसरे की बीमारी फैल रही है। रांची, अहमदाबाद और मलप्पुरम में बच्चों में खसरे के मामलों में वृद्धि देखी गई है। वहीं इस बीमारी से कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और संयुक्त राज्य रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) द्वारा संयुक्त प्रकाशन रिपोर्ट में सामने आया है कि covid-19 की शुरुआत के बाद से खसरा टीकाकरण कवरेज में लगातार गिरावट आई है।
2021 में, दुनियाभर में लगभग 4 करोड़ बच्चे खसरे के टीके की खुराक से चूक गए। 2.5 करोड़ बच्चों ने अपनी पहली खुराक ही नहीं ली जबकि 1.47 करोड़ बच्चे अपनी दूसरी खुराक से चूक गए।
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दुनिया भर में खसरे के 90 लाख मामले
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में, दुनिया भर में खसरे के अनुमानित 90 लाख मामले सामने आए हैं और 128000 मौतें हुईं। 22 देशों ने भयंकर प्रकोप का सामना किया है। टीके के कवरेज में कमी, खसरे की निगरानी में कमी, और COVID-19 के साथ-साथ 2022 में लगातार बड़े प्रकोपों के कारण टीकाकरण में रुकावट और देरी का मतलब है कि दुनिया के हर क्षेत्र में खसरा एक खतरा है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कोरोना महामारी के दौरान खसरा के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम बुरी तरह से बाधित हो गए थे। लाखों बच्चे खसरे की तरह घातक बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण से चूक गए थे। उन्होंने कहा कि टीकाकरण कार्यक्रमों को वापस पटरी पर लाना होगा तभी इस बीमारी पर फिर से काबू पाया जा सकता है।
भारत सरकार ने कसी कमर
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि खसरे के मामलों में वृद्धि का जायजा लेने के लिए झारखंड के रांची, गुजरात के अहमदाबाद और केरल के मलप्पुरम में अलग-अलग उच्च-स्तरीय बहु विशेषज्ञों को तैनात करने का निर्णय लिया है। ये दल सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय करने में राज्य स्वास्थ्य प्रशासन की सहायता करेंगी और अपेक्षित नियंत्रण और नियंत्रण उपायों के संचालन में सहयोग करेंगे।
मंत्रालय ने बताया कि रांची जाने वाले केंद्रीय दल में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), नई दिल्ली और राम मनोहर लोहिया अस्पताल (आरएमएलएच), नई दिल्ली और कलावती सरन बाल अस्पताल, नई दिल्ली और क्षेत्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कार्यालय के विशेषज्ञ शामिल हैं। अहमदाबाद के विशेषज्ञ अहमदाबाद जाने वाली केंद्रीय टीम में शामिल होंगे और मलप्पुरम की टीम में तिरुवनंतपुरम के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च पांडिचेरी और लेडी हाडिर्ंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली के विशेषज्ञों को भी केंद्रीय दल का सदस्य बनाया गया है। तीनों राज्यों के वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक अपनी यात्राओं के संबंध में संबंधित टीमों के साथ समन्वय करेंगे। तीनों केंद्रीय दल तीनों शहरों में जमीनी स्तर का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।
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