हेनले एंड पार्टनर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया के उन तीन देशों में शामिल है जहां से करोड़पतियों का पलायन सबसे ज्यादा हुआ है।
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दुनिया के टॉप 10 अरबपतियों की लिस्ट में भले ही भारत के दो कारोबारियों के नाम हों, लेकिन साल 2022 में हजारों करोड़पतियों ने देश को छोड़ दिया है. यह आंकड़ा इतना ज्यादा है कि दुनिया के टॉप 3 में देश का नाम शुमार हो गया है. हेनले एंड पार्टनर्स की एक रिपोर्ट (Henley and Partners Report) के अनुसार भारत दुनिया के उन तीन देशों में शामिल है जहां से करोड़पतियों का पलायन (Millionaires Left India) सबसे ज्यादा हुआ है. सबसे सबसे ज्यादा पलायन रूस और उसके बाद चीन से हुआ है.
भारत से 8 हजार करोड़पति दूसरे देश पलायन
रिपोर्ट के अनुसार भारत से 8 हजार करोड़पतियों ने साल 2022 में पलायन किया है. वहीं सबसे ज्यादा आंकड़ा रूस से निकलकर सामने आया है. वहां से इस साल 15 हजार करोड़पतियों ने पलायन कर लिया है. चीन का नंबर दूसरे नंबर पर है. वहां से साल 2022 में 10 हजार करोड़पति छोड़कर चले गए हैं. इससे पहले कोविड-19 महामारी ने इस पलायन को कुछ समय के लिए स्लो कर दिया था, लेकिन हाई नेटवर्थ वाले लोगों ने फिर से विदेशों में बसने का फैसला कर लिया है. हाई-नेट-वर्थ लोगों में उन्हें शामिल किया जाता है जिनके पास 1 मिलियन डॉलर या उससे ज्यादा संपत्ति होती है.
भारत को क्यों नहीं है चिंता?
रिपोर्ट के अनुसार भारत का ये आउटफ्लो चिंता का विषय नहीं है, इसका कारण है कि भारत देश छोड़ने वाले नुकसान की तुलना में कहीं अधिक नए करोड़पति पैदा करता है. रिपोर्ट के अनुसार संपन्न लोगों के भारत लौटने का चलन भी है और स्टैंडर्ड आॅफ लिविंग बेहतर होने के बाद अमीर भारत में दोबारा वापस आ सकते हैं. रिपोर्ट में उम्मीद की गई है कि 2031 तक भारत हाई नेटवर्थ वाली इंडिविजुअल पॉपुलेशन में 80 फीसदी का इजाफा करेगा. जो इस अवधि के दौरान इसे दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते वेल्थ मार्केट में से एक बना देगा.
चीन के अलावा इन देशों से भी जा रहे हैं करोड़पति
चीन की बात करें तो ऑस्ट्रेलिया, यूके और यूएसए जैसे कई प्रमुख बाजारों द्वारा Huawei 5G पर प्रतिबंध लगाना देश के लिए एक बड़ा झटका था. रिपोर्ट के अनुसार हुआवेई चीन के हाई-टेक सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. ऑस्ट्रेलिया और यूएसए के साथ चीन के बिगड़ते रिश्ते इसका एक अहम कारण माना जा रहा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि हांगकांग एसएआर, यूक्रेन, ब्राजील, मैक्सिको, यूके, सऊदी अरब और इंडोनेशिया कुछ अन्य देश हैं, जहां से करोड़पतियों का पलायन सबसे ज्यादा देखने को मिला है. हाई नेटवर्थ लोगों की संख्या किसी भी इकोनॉमी की हेल्थ के लिए काफी अच्छा माना जाता है.
यूक्रेन से 42 फीसदी करोड़पतियों के देश छोड़ने की उम्मीद
पिछले एक दशक में करोड़पतियों का पलायन एक बढ़ती प्रवृत्ति रही है, लेकिन 2020 में कोविड -19 महामारी के कारण इसमें गिरावट देखने को मिली. यहां तक कि साल 2020 और 2021 का कोई आंकड़ा भी नहीं है कि कितने करोड़पति अपना देश छोड़कर दूसरे देशों की ओर पलायन कर गए. 2022 के अंत तक, यूक्रेन के उच्च-निवल मूल्य वाले 42 प्रतिशत व्यक्तियों के देश छोड़ने की उम्मीद है. यह काफी हद तक रूस द्वारा आक्रमण के कारण हो सकता है.
किन देशों में जा रहे हैं करोड़पति
2022 की इस अवधि में करोड़पतियों ने संयुक्त अरब अमीरात, इज़राइल, अमेरिका, पुर्तगाल, कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, ग्रीस और स्विटज़रलैंड में जगह ली. विशेष रूप से, पिछले दो दशकों में लगभग 80,000 करोड़पति ऑस्ट्रेलिया चले गए हैं. 2022 में देश में 3,500 लोग वहां पर गए. रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़ी संख्या में करोड़पतियों के माल्टा, मॉरीशस और मोनाको में जाने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार इस यूएई में 4 हजार करोड़पतियों के पहुंचने की उम्मीद लगाई जा रही है. सबसे ज्यादा रूस, भारत, अफ्रीका और मध्य पूर्व के करोड़पति हो सकते हैं. महामारी से पहले यूएई ने परंपरागत रूप से प्रति वर्ष लगभग 1,000 करोड़पतियों को आकर्षित किया था.
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