सोशल ऑडिट में आपत्ति, सचिव व तकनीकी-रोजगार सहायक के वेतन से हर महीने वसूली होगी।
जानकारी के अनुसार छह साल में अविभाजित कोरिया के ३६३ ग्राम पंचायतों में निर्माण में मनमानी हुई है। जिससे निर्धारित सरकारी कीमत से महंगी सामग्री खरीदकर बिल प्रस्तुत किया गया। मामले में सोशल ऑडिट में आपत्ति लगने के बाद अतिरिक्त राशि की रिकवरी होगी। वर्ष २०१५-१६ से २०२१-२२ तक २८४ निर्माण कार्यों में गड़बड़ी पकड़ी गई है। पंचायतों की लापरवाही व मनमानी के कारण ८९२८९८१ रुपए अतिरिक्त राशि खर्च की गई है। जिसमें सिर्फ २४७९८६ रुपए वसूली हुई है। मामले में जिला पंचायत सीइओ कुणाल दुदावत ने सामाजिक अंकेक्षण से निकलकर आई वसूली को तेज करने निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और ग्राम रोजगार सहायकों के वेतन से प्रतिमाह एक निश्चित राशि काटकर मनरेगा खाते में जमा किया जाएगा।
वर्षवार इतनी राशि रिकवरी होगी
वित्तीय वर्ष निर्माण राशि(रुपए)
२०१५-१६ १२ ५२५७५७
२०१६-१७ ७१ ५०३६८६२
२०१७-१८ २५ ५५५७०६
२०१८-१९ ६८ ४५७४०४
२०१९-२० ५७ ७९६४५८
२०२१-२२ ५१ १५५६७९६
कुल २८४ ८९२८९८१
८९ लाख की गड़बड़ी, सिर्फ २.५० लाख वसूल पाए
जानकारी के अनुसार मनरेगा से स्वीकृत निर्माण कार्यों में तय कीमत से महंगी निर्माण सामग्री खरीदी करने वाले से राशि वसूली की रफ्तार धीमी है। पिछले छह साल में मनमानी कर ८९.२८ लाख की गड़बड़ी हुई है, लेकिन सिर्फ २४७९८६ रुपए वसूली हुई है। जिससे जिम्मेदार पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक और रोजगार सहायकों के कार्यों में कोई सुधार नहीं हुआ है। ऑडिट रिपोर्ट में सिर्फ १२६ निर्माण कार्यों में ८६८०९९५ रुपए अतिरिक्त राशि खर्च करने का उल्लेख है। जिसकी जिम्मेदारी कर्मचारियों की सैलरी से हर महीने वसूली करनी है। जिला पंचायत को रिकवरी में बहुत माथापच्ची करना पड़ेगा। क्योंकि इतने साल में कई पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक बदल चुके हैंं।
श्रेय: स्रोत लिंक
इस बारे में चर्चा post