जम्मू:प्रेस क्लब के बाहर गरजे रहबर-ए खेल शिक्षक, प्रदर्शन के दौरान पुलिस के साथ हुई हल्की धक्का मुक्की – Jammu Rehbar E Khel Teacher Protest Outside Press Club In Support Of Their Demands
प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन करते हुए रहबर-ए खेल शिक्षक – फोटो : संजय कुमार
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रहबर-ए खेल शिक्षकों का प्रदर्शन बुधवार को 16वें दिन भी जारी है। खेल शिक्षक आज जम्मू शहर के प्रेस क्लब के बाहर एकत्रित हुए हैं। अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए वे डोगरा चौक की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की धक्का मुक्की भी देखने को मिली। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गाड़ियों में बिठा दिया। धक्का-मुक्की के दौरान एक महिला बेसुध भी नजर आई, जिसे अन्य लोग संभालते हुए दिखे। इसे लेकर अब प्रदर्शनकारी ने सरकार और पुलिस का विरोध कर रहे हैं।
क्या हैं मांगें प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक तरफ सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। दूसरी तरफ पुलिस उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी दो ही मुख्य मांगें हैं, पदों को डी फ्रीज करने के प्रस्ताव को रद्द किया जाए और प्रोबेशन अवधि को सात साल से घटाकर पांच साल किया जाए। जब तक उन्हें लिखित में आदेश जारी नहीं किया जाएगा, तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। वे पीछे नहीं हटेंगे।
इससे पहले मंगलवार को खेल शिक्षकों ने राजोरी आतंकी हमले के चलते अपनी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था। सोमवार को शिक्षकों ने तिरंगा यात्रा निकाली थी। एक अन्य शिक्षक ने बताया कि तिरंगा यात्रा त्रिकुटा नगर स्थित भाजपा मुख्यालय से होते हुए एमए स्टेडियम तक निकाली गई थी, लेकिन पुलिस ने बाहु प्लाजा के पास ही शिक्षकों को रोक लिया गया। आज एक बार फिर पुलिस उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है। वे लोग भी ठंड में सड़क पर नहीं उतरना चाहते हैं, लेकिन सरकार की भेदभावपूर्ण नीति के चलते वे सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।
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रहबर-ए खेल शिक्षकों का प्रदर्शन बुधवार को 16वें दिन भी जारी है। खेल शिक्षक आज जम्मू शहर के प्रेस क्लब के बाहर एकत्रित हुए हैं। अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी करते हुए वे डोगरा चौक की ओर बढ़ने लगे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की धक्का मुक्की भी देखने को मिली। पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को गाड़ियों में बिठा दिया। धक्का-मुक्की के दौरान एक महिला बेसुध भी नजर आई, जिसे अन्य लोग संभालते हुए दिखे। इसे लेकर अब प्रदर्शनकारी ने सरकार और पुलिस का विरोध कर रहे हैं।
क्या हैं मांगें
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि एक तरफ सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। दूसरी तरफ पुलिस उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि उनकी दो ही मुख्य मांगें हैं, पदों को डी फ्रीज करने के प्रस्ताव को रद्द किया जाए और प्रोबेशन अवधि को सात साल से घटाकर पांच साल किया जाए। जब तक उन्हें लिखित में आदेश जारी नहीं किया जाएगा, तब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे। वे पीछे नहीं हटेंगे।
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