जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की हालिया रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था की विकास गति जारी रखने के लिए तकनीकी (टेक्नोलाजी) सुरक्षा के साथ बदलती परिस्थिति में ऊर्जा के संसाधनों को सुनिश्चित करने का सुझाव दिया गया है। वहीं, तेजी से बदलते परिवेश के हिसाब से युवाओं के कौशल विकास करने की भी सलाह दी गई है। ऐसे में सरकार अर्थव्यवस्था की मजबूती को जारी रखने के लिए टेक्नोलाजी सुरक्षा, ऊर्जा सुनिश्चतता और युवाओं के कौशल विकास पर खास ध्यान देगी। आगामी वित्त वर्ष 2023-24 के लिए एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में इन चीजों को लेकर विशेष स्कीम की घोषणा हो सकती है।
वित्त मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू स्तर पर मांग और भारत के प्रति विदेशी निवेशकों के रुझान में मजबूती की बदौलत चालू वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में भारत की विकास दर 9.7 प्रतिशत रही है। अर्थव्यवस्था में तेजी को देखते हुए विश्व बैंक ने भी चालू वित्त वर्ष में भारत की विकास दर अनुमान को 6.5 से बढ़ाकर 6.9 प्रतिशत कर दिया है।
मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, अब भारत को टेक्नोलाजी सुरक्षा व ऊर्जा सुनिश्चितता जैसी अपनी मध्य अवधि चुनौतियों पर ध्यान देने की जरूरत है। हाल ही में एम्स के सिस्टम पर हुए रैनसमवेयर हमले के बाद टेक्नोलाजी सुरक्षा को लेकर सरकार में बड़े पैमाने पर माथा-पच्ची शुरू हो गई है। जल्द ही इसे लेकर कई नए नियमों की घोषणा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, भारत साफ्टपावर सेंटर के रूप में खुद को स्थापित करना चाहता है जो टेक्नोलाजी के स्तर पर पूरी तरह सुरक्षित रह कर ही संभव है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद दुनियाभर में गैस की किल्लत हो गई और इस किल्लत की वजह से यूरोप का औद्योगिक उत्पादन तक प्रभावित हो गया। दूसरी तरफ, जलवायु परिवर्तन से जुड़े नियम के अनुसार जीवाश्म ईंधन के इस्तेमाल को धीरे-धीरे कम करना है। ऐसे में, ऊर्जा के संसाधनों को सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है और इसके बगैर विकास गति को जारी रखना मुमकिन नहीं है। ड्रोन चलाने के लिए
मिल सकता है इंसेंटिव
सूत्रों के मुताबिक, इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा के विकल्प को तैयार करने को लेकर आगामी बजट में विशेष स्कीम की घोषणा हो सकती है। सरकारी आगामी बजट में ड्रोन चलाने और मशीन लर्निंग जैसे कई अन्य विशेष कौशल के विकास को लेकर इंसेंटिव की घोषणा कर सकती है। तेजी से बदलती टेक्नोलाजी को समझने और उसके हिसाब से कार्य करने के लिए कुशल लोगों की जरूरत होगी। भारत दुनियाभर के लिए इस प्रकार के वर्क फोर्स को तैयार करना चाहता है।
आइटीआर फार्म की संख्या में कटौती संभव
कर संग्रह में 26 प्रतिशत की वृद्धि के बाद सरकार कर से जुड़े सुधारों का अगला दौर शुरू कर सकती है। इसमें आयकर रिटर्न (आइटीआर) दाखिल के लिए उपलब्ध फार्म की संख्या में कमी और कर चोरी पर सख्ती शामिल हो सकते हैं। इन बदलावों से करदाताओं को आसानी होगी और रिटर्न दाखिल करने में लगने वाले समय में कमी आएगी। इसके साथ ही आनलाइन गेमिंग के अलावा ई-कामर्स और आनलाइन सेवा प्रदाताओं के लिए सख्त कर मानदंडों पर भी विचार किया जा सकता है।
लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर ढांचे का युक्तिकरण किए जाने की भी उम्मीद है। इस समय एक साल से अधिक के लिए रखे गए शेयरों पर पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है। अचल संपत्ति की बिक्री और दो साल से अधिक के लिए रखे गए असूचीबद्ध शेयरों और तीन साल से अधिक के लिए रखे गए डेट इंस्ट्रूमेंट और आभूषणों पर 20 प्रतिशत पूंजीगत लाभ कर लगता है।
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Edited By: Shashank Mishra
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