Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) हिंदू धर्म में अनेक शाखा प्रशाखा है. सभी के अपने-अपने मंत्र हैं. परंतु हिंदू धर्म की विभिन्न शाखाओं को एक सूत्र में पिरोने वाला एकमात्र मंत्र ओंकार है. इसलिए हर हिंदू के घर में एक तुलसी का पौधा, गाय और ॐ मंत्र लिखा होना चाहिए. ॐ मंत्र से मोक्ष मिलता है. ॐ का स्मरण महादेव का स्मरण करने के समान है. यह बातें श्री स्वामीनारायण सत्संग समाज द्वारा आयोजित शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन व्यासपीठ से सत् श्री महाराज ने कही. उन्होंने बताया कि शिवलिंग की स्थापना ॐ मंत्र से और शिव जी की मूर्ति की स्थापना ॐ नमः शिवाय मंत्र से करनी चाहिए.
सत् श्री ने आगे कहा कि मनुष्य को सुख-दुख उसके कर्म के अनुसार प्राप्त होते हैं. परंतु उसे कम या ज्यादा करना ईश्वर के हाथ में है. ईश्वर का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि अमृत मंथन के समय देव और दानवों ने बराबरी की मेहनत की थी और आधा-आधा अमृत बांटने का करार किया था. दोनों ने श्रम किया, परंतु ईश्वर ने फल केवल देवताओं को दिया. उन्होंने कहा कि ईश्वर, गुरु एवं माता-पिता को प्रसन्न करने के लिए वही कार्य करें, जो उन्हें पसंद है. जिस प्रकार अर्जुन ने गुरु द्रोण के लिए किया था. कथा शुरू होने से पहले सभी यजमानों ने पोथी एवं संत पूजा की. इसके बाद भगवान शंकर के भजनों से कथा प्रारंभ की गई.
कथा में मुख्य यजमान दीपेश रविशंकर रावल, गिरीश प्रभुलाल चावड़ा, नौतम भाई चौहान, सूर्यकांत भाई चौहान, रमेश भाई चौहान, महेश बजानिया, हसमुख मोहनलाल सोनी, संजय सोनी, नयन सोनी, नितेश सोनी, मुकेश पटेल, संजय पटेल, प्रवीण चौहान, मयूर राठोड, सन्नी रावल, यमेश त्रिवेदी, लक्ष्म कांत चावड़ा, किरीट चौहान, पियूष वेगड़, योगेश जोशी, दीपेश याज्ञनिक, देवेश बोल, हरेन्द्र चौहान, फरसु चावड़ा, शंभू नाथ अग्रवाल, टाटानगर से राजेश चावड़ा व रितेश मारु, रांची से संजय कामरिया व ऋषि कामरिया सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
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