दौसाएक घंटा पहले
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राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रुक्टा.) राष्ट्रीय के तत्वावधान में स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में इंडिया से भारत की ओर विषय पर साेमवार काे श्री संत सुंदरदास राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में व्याख्यान हुए। व्याख्यान में मुख्य वक्ता जयपुर विभाग प्रथम के विभाग सचिव राकेश कुमार शर्मा ने कहा कि भारत के सर्वांगीण विकास के लिए “भारत केंद्रित” शिक्षा, राजनीति, न्याय एवं प्रशासनिक व्यवस्था को अपनाना होगा। भारतीय सनातन परंपरा में इसके सूत्र खोजे जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 1947 को मिली राजनीतिक स्वतंत्रता के बाद देश में स्वदेशी तंत्र का अभाव रहा। सब कुछ अंग्रेजों द्वारा अपनाई गई पद्धति के अनुरूप ही होता रहा, जिसकी वजह से अपेक्षित प्रगति नहीं हो सकी। भारत को विकसित राष्ट्रों की श्रेणी में प्रतिष्ठित किए जाने के लिए भारतीय सामाजिक व राजनीतिक तंत्र, शिक्षा और न्याय तंत्र की पुनर्स्थापना की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्वदेशी तंत्र विकसित होने पर युवा वर्ग में राष्ट्रीय भाव बोध विकसित किया जा सकेगा। उन्होंने छात्राओं का आह्वान किया कि सबसे पहले भारत को जानो, भारत को मानो और भारत के बनो और भारत का विकास करो। इस अवसर पर छात्रा हर्षिता शर्मा ने राष्ट्रभक्ति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की सह आचार्य डॉ. अर्चना कर्नावट ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ. रचना गर्ग ने किया।
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