स्वच्छ भारत योजना
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सरकार ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना स्वच्छ भारत मिशन के परिव्यय में 150 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 5,000 करोड़ रुपये का प्रवधान किया है। हालांकि, कार्यालय भवनों, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट, संसद भवन व सुप्रीम कोर्ट के निर्माण के लिए बजट प्रावधान में नौ प्रतिशत की कटौती की गई है। इस मद में मौजूदा वित्त वर्ष का संशोधित बजट अनुमान 2,344.08 करोड़ रुपये है, जबकि आगामी वित्त वर्ष के लिए 2,132 करोड़ रुपये का प्रवधान किया गया है।
पवन ऊर्जा से होगी बिजली सस्ती
बजट : 20,700 करोड़, इसमें से 8300 करोड़ केंद्र सहयोग देगा
यह होगा : लद्दाख से इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन प्रणाली बनेगी, जो उत्पादन स्रोत से 13 गीगावाट बिजली तत्काल निकालने और ग्रिड तक पहुंचाने में मदद करेगी।
फायदा : पवन ऊर्जा का बेहतर उपयोग होगा, बिजली सस्ती करना संभव होगा।
भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर
यह होगा : अगले तीन साल में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा, 10 हजार बायो-इनपुट रिसोर्स सेंटर बनेंगे।
फायदा : देश में राष्ट्रीय स्तर का उत्पादन नेटवर्क बनेगा, जो माइक्रो-फर्टिलाइजर और कीटनाशकों की आपूर्ति में मदद देगा।
समुद्र तटीय क्षेत्र में बढ़ेंगे मैंग्रोव
यह होगा : तटीय क्षेत्रों और समुद्री खारे पानी से प्रभावित जमीनों पर सरकारी संसाधनों से मैंग्रोव क्षेत्र बढ़ाया जाएगा। बीते दशकों में वन क्षेत्र बढ़ाने में देश को जो सफलता मिली, उससे सीख लेकर मैंग्रोव इनिशिएटिव फॉर शोर-लाइन हैबिटेट एंड टेंजिबल इनकम यानी मिष्टी नाम से यह योजना लाई गई है।
फायदा : मैंग्रोव तटों के पारिस्थितिक तंत्र को न केवल संरक्षित करते हैं, बल्कि चक्रवाती तूफानों का नुकसान भी कम करते हैं।
प्रयोगशालाओं में हीरों का होगा निर्माण
सरकार ने प्रयोगशाला में बनाए जाने वाले हीरों के लिए कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल होने वाले ‘सीड्स’ के आयात पर शुल्क में कटौती करने का प्रस्ताव दिया है। प्राकृतिक हीरों के भंडार में गिरावट आने से हीरा उद्योग अब प्रयोगशाला में विकसित हीरों (एलजीडी) की तरफ बढ़ रहा है। इस का लाभ उठाने के लिए एलजीडी के विनिर्माण में इस्तेमाल होने वाले सीड्स पर बुनियादी आयात शुल्क घटाने का प्रस्ताव है।
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