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जी 20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली के कोरोना मॉडल पर चर्चा होगी। इसमें डॉक्टर बताएंगे कि कम संसाधनों में किस तरह से कोविड जैसी महामारी से निपटा जा सकता है। इसे लेकर शुक्रवार को कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में एकीकृत स्वास्थ्य और कल्याण (आईएचडब्ल्यू) परिषद की राउंड टेबल बैठक होनी है।
जी 20 के दौरान भारत के लिए वैश्विक स्वास्थ्य नेतृत्व के अवसर विषय पर होने वाली इस बैठक में नीति आयोग के स्वास्थ्य सलाहकार सहित दिल्ली के बड़े अस्पतालों के डॉक्टर अपने अनुभवों को रखेंगे। बैठक में तैयार होने वाली रिपोर्ट को जी 20 सम्मेलन में साझा किया जाएगा। इसकी मदद से दुनिया के अन्य देश भी इस मॉडल को सीखकर भविष्य के लिए रणनीति व सुविधा विकसित कर सकेंगे।
बैठक के संबंध में लोकनायक अस्पताल के निदेशक डॉक्टर सुरेश कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान अस्पताल ने बड़ी भूमिका निभाई थी। कम संसाधन होने के बाद भी लोगों को बेहतर सुविधा दी गई। कोरोना की पहचान के लिए मरीजों की जांच, उनकी ट्रेसिंग, पॉजिटिव मरीजों की जीनोम सीक्वेंसिंग कर बदलते रूप की पहचान की गई जिससे, कोरोना इलाज में मदद मिली। इस मॉडल को बैठक में रखा जाएगा।
जी-20 में हेल्थ इमरजेंसी पर रहेगा जोर: मांडविया
जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत की ओर से हेल्थ इमरजेंसी यानी स्वास्थ्य आपात स्थिति पर जोर रहेगा। इन स्थितियों की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया को लेकर सभी सदस्य देशों के साथ चर्चा की जाएगी। इस पूरे सम्मेलन में देश के चार अलग अलग राज्यों में स्वास्थ्य बैठकें आयोजित की जा रही हैं जिनमें डिजिटल स्वास्थ्य से लेकर कोरोना की ‘स्वदेशी’ लड़ाई पर चर्चा की जाएगी। भारत की ओर से दुनिया को बताया जाएगा कि किस रणनीति के तहत भारत ने कोरोना की लड़ाई को सफलता तक पहुंचाया है और कैसे कम समय में संसाधनों को विकसित कर जांच से लेकर टीके तक की खोज की है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जानकारी देते हुए बताया कि पहली स्वास्थ्य कार्य समूह (एचडब्ल्यूजी) की बैठक 18 -20 जनवरी को केरल के तिरुवनंतपुरम में होगी। दूसरी बैठक 17-19 अप्रैल के दौरान गोवा, तीसरी 4-6 जून के बीच हैदराबाद और चौथी बैठक 17-19 अगस्त को गुजरात के गांधीनगर में होगी।
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