दमोह। सनातन धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाने वाले करीब 250 लोगों ने रविवार को मसीही समाज के क्रिसमस पर्व के अवसर पर ही पुन: सनातन धर्म अपना लिया और अपनी पुन: घर वापसी कर ली। आयोजन में आशीर्वाद गार्डन में विधि विधान से हवन- पूजन कराया गया।
इसके बाद बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समक्ष इन सभी को बुलाया गया जहां इन्होंने अपना धर्म छोड़ने पर माफी मांगी और अब कभी अपना धर्म न छोड़ने का संकल्प लिया। इस दौरान घर वापसी करने वाले सैकड़ों महिला-पुरुष पीठाधीश्वर से मिलने पहुंचे।
हिंदू से ईसाई बने 250 लोगों ने वापस अपनाया सनातन धर्म, बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिया आशीर्वाद।#mpnews #damohnews #conversion #christmas #Naiduniahttps://t.co/FE7NzELz5M pic.twitter.com/LJS31cDWqP
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इन लोगों ने बताया कि वह किस तरह ईसाई बने थे। कथावाचक धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इन सभी लोगों को शपथ दिलाई कि वह अब जीवन में कभी दोबारा अपना धर्म छोड़कर किसी और धर्म में नहीं जाएंगे।
यह है ईसाई बनने की कहानी
Damoh News: मध्य प्रदेश के दमोह में 250 लोगों ने की घर वापसी, क्रिसमस के अवसर पर पुन: सनातन धर्म अपनाया#mpnews #damohnews #conversion #christmas #Naiduniahttps://t.co/FE7NzELz5M pic.twitter.com/cfp177DefS
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काफी साल पहले कई प्रकार के लोभ और लालच के चलते शहर के आसपास लगे गांव में रहने वाले करीब 250 लोगाें ने अपना धर्म छोड़कर इसाई धर्म अपना लिया था। उसके बाद देवी, देवताओं के फोटो अलग कर प्रत्येक रविवार को उन्हे चर्च बुलाया जाने लगा था। यह लोग वापस अपने धर्म में वापस आना चाह रहे थे, लेकिन कोई माध्यम नहीं मिल पा रहा था।
युवक जितेंद्र अहिरवार ने कहा कि उसके पिता से धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों ने मेरे पैरों का इलाज करवाने के लिए कहा था, लेकिन कोई इलाज नहीं करवाया। उनका कहना होता है कि यदि घर पर किसी की मौत भी हो जाए तो पहले चर्च आकर प्रार्थना करनी है, लेकिन वह लोग गरीब हैं काम पर जाने के कारण प्रार्थना नहीं कर पाते तो घर पर आकर डांटते थे। सनातन धर्म के बारे में गलत बोलते थे।
इस समय दमोह बागेश्वधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की श्रीराम कथा चल रही है और उन्ही के समक्ष इन लोगों ने वापस सनातन धर्म अपनाने का प्रण लिया। रविवार की सुबह इन सभी लोगों को स्थानीय एक गार्डन में बुलाया गया जहां पंडितों द्वारा विधि-विधान से हवन और पूजन कराया गया । गंगाजल छिटककर शुद्धिकरण किया गया।
उसके बाद स्थानीय एक कालोनी जहां बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री रुके हैं। यहां इन सभी
लोगों को बुलाया गया जहां पीठाधीश्वर ने इन सभी लोगों को आशीर्वाद दिया और अपना धर्म छोड़ने की वजह पूछी तो लोगों ने बताया कि पैसों और कई प्रकार के प्रलोभन के कारण उन्होंने सनातन धर्म छोड़कर ईसाई धर्म अपनाया था और अब वह घर वापसी चाहते हैं।
इस मौके पर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि कोई रुपये दे तो ले लो बच्चों की पढ़ाई, उनकी अच्छी परवरिश में खर्च कर दो हम गरीब लोग हैं, लेकिन अब धर्म नहीं बदलना अभी आपको और जो साथी रह गए हैं उन्हे लेकर आना। हमारे पूर्वजों ने सनातन धर्म के लिए अपने प्राण तक दे दिए हैं उन्हे मत लजवाओ।
सभी को दिलाई शपथ
सभी लोगों को बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने शपथ दिलाई कि आज सभी यह संकल्प लेते हैं कि हमेशा जीवन पर्यंत अपने संतों की , सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राण दे देंगे, लेकिन भूलकर भी अन्य धर्म में नहीं जाएंगे। कथा के पूर्व कुछ परिजनों को रामायण जी की आरती में भी शामिल किया गया ।
Posted By: Hemant Kumar Upadhyay
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