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मुरादाबाद। कटघर थानाक्षेत्र के गाड़ीखाना निवासी वरुण शर्मा बजरी बजरफुट बेचने का व्यापार करते हैं। उनके पिता योगेंद्र शर्मा का रुस्तमपुर बढ़मार में एक जमीन को लेकर कुछ लोगों से विवाद चल रहा है।
उन्होंने स्पीड पोस्ट से डीएम कार्यालय को एक प्रार्थना पत्र भेजकर जमीन कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई थी। तीन दिन पहले उनके पिता के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह डीएम दफ्तर से बोल रहा है। उसने बताया कि उनके नाम से एक प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने जमीन की पैमाइश की मांग की है। पिता-पुत्र को उस पर विश्वास हो गया। आरोपी ने उन्हें डीएम दफ्तर बुला लिया। पिता-पुत्र दफ्तर पहुंचे और उन्होंने आरोपी को कॉल की। तब आरोपी ने कहा कि दफ्तर से निकल चुका हूं। अब अगले दिन आना। कुछ देर बाद आरोपी ने फरियादी को फिर से कॉल की। जिसमें उसने बताया कि उनकी जमीन की पैमाइश होगी। इसके लिए तीन हजार रुपये की रसीद कटेगी। आरोपी ने गूगल पे के जरिए साढ़े तीन हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। तब आरोपी ने बताया कि तहसील की टीम जमीन की पैमाइश करने जा रही है।
आरोपी ने योगेंद्र शर्मा और उनके बेटे से कहा कि वह भी अपनी जमीन पर पहुंच जाएं। वरुण ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो आरोपी ने फिर से कॉल की और कहा कि तहसीलदार का ड्राइवर एक हजार रुपये मांग कर रहा है। पीड़ित ने आरोपी के बताए नंबर पर एक हजार रुपये और ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी कोई टीम नहीं पहुंची। कुछ देर बाद आरोपी का नंबर भी बंद हो गया। तब पिता पुत्र समझ गए कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है।
मुरादाबाद। कटघर थानाक्षेत्र के गाड़ीखाना निवासी वरुण शर्मा बजरी बजरफुट बेचने का व्यापार करते हैं। उनके पिता योगेंद्र शर्मा का रुस्तमपुर बढ़मार में एक जमीन को लेकर कुछ लोगों से विवाद चल रहा है।
उन्होंने स्पीड पोस्ट से डीएम कार्यालय को एक प्रार्थना पत्र भेजकर जमीन कब्जा मुक्त कराने की गुहार लगाई थी। तीन दिन पहले उनके पिता के मोबाइल पर एक अंजान नंबर से कॉल आई। कॉल करने वाले ने बताया कि वह डीएम दफ्तर से बोल रहा है। उसने बताया कि उनके नाम से एक प्रार्थना पत्र दिया है। जिसमें उन्होंने जमीन की पैमाइश की मांग की है। पिता-पुत्र को उस पर विश्वास हो गया। आरोपी ने उन्हें डीएम दफ्तर बुला लिया। पिता-पुत्र दफ्तर पहुंचे और उन्होंने आरोपी को कॉल की। तब आरोपी ने कहा कि दफ्तर से निकल चुका हूं। अब अगले दिन आना। कुछ देर बाद आरोपी ने फरियादी को फिर से कॉल की। जिसमें उसने बताया कि उनकी जमीन की पैमाइश होगी। इसके लिए तीन हजार रुपये की रसीद कटेगी। आरोपी ने गूगल पे के जरिए साढ़े तीन हजार रुपये ट्रांसफर करा लिए। तब आरोपी ने बताया कि तहसील की टीम जमीन की पैमाइश करने जा रही है।
आरोपी ने योगेंद्र शर्मा और उनके बेटे से कहा कि वह भी अपनी जमीन पर पहुंच जाएं। वरुण ने बताया कि जब वह मौके पर पहुंचे तो आरोपी ने फिर से कॉल की और कहा कि तहसीलदार का ड्राइवर एक हजार रुपये मांग कर रहा है। पीड़ित ने आरोपी के बताए नंबर पर एक हजार रुपये और ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद भी कोई टीम नहीं पहुंची। कुछ देर बाद आरोपी का नंबर भी बंद हो गया। तब पिता पुत्र समझ गए कि उनके साथ साइबर ठगी हुई है।
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